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सरकारी बॉन्ड से इस कारण विदेशी निवेशक हैं दूर, S&P Global ने बताया यह दिक्कत हटी तो कितना फायदा

इंडियन गवर्नमेंट बॉन्ड्स (IGBs) वैश्विक इंडेक्स पर क्यों नहीं, इसका खुलासा एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है। अनलॉकिंग इंडियाज कैपिटल मार्केट पोटेंशियल के नाम की इस रिपोर्ट में एसएंडपी ग्लोबल इसे लेकर सबसे बड़ी दिक्कत का खुलासा किया है। जानिए क्यों इस बॉन्ड में विदेशी निवेश बहुत कम है और अगर दिक्कत हट जाती है तो कितना बड़ा फायदा होगा

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Aug 05, 2023 पर 10:06 AM
सरकारी बॉन्ड से इस कारण विदेशी निवेशक हैं दूर, S&P Global ने बताया यह दिक्कत हटी तो कितना फायदा
बाजार के अनुमानों का हवाला देते हुए एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रमुख बॉन्ड इंडेक्स में इंडियन गवर्नमेंट सिक्योरिटीज को शामिल करने से 2000-4000 करोड़ डॉलर का शुरुआती निवेश आ सकता है।

इंडियन गवर्नमेंट बॉन्ड्स (IGBs) वैश्विक इंडेक्स पर क्यों नहीं, इसका खुलासा एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है। अनलॉकिंग इंडियाज कैपिटल मार्केट पोटेंशियल के नाम की इस रिपोर्ट में एसएंडपी ग्लोबल ने कहा कि यहां कैपिटल गेन्स टैक्स सिस्टम सबसे बड़ी बाधा है। 3 अगस्त को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय वैश्विक स्तर पर बिक्री के समय पेमेंट पर विदहोल्डिंग टैक्स माफ किया जा रहा है। वहीं भारत में ऐसी व्यवस्था है कि सरकारी बॉन्ड्स से जो मुनाफा हुआ है, उस पर कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है। एसएंडपी ग्लोबल के मुताबिक इसी वजह से आईजीबी ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में शामिल नहीं है।

सरकार क्यों नहीं कर रही है ऐसा

विदेशी निवेशकों को सरकार कैपिटल गेन्स पर टैक्स माफ करने के मूड में नहीं है क्योंकि उसका मानना है कि इससे घरेलू निवेशकों को नुकसान हो सकता है। यही वजह से टैक्स माफी का प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ पाया। हालांकि पिछले महीने जुलाई में केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकारी बॉन्ड्स को ग्लोबल इंडेक्स से जोड़ने पर फायदा अधिक है। हालांकि सरकार टैक्स माफी को लेकर अपने रुख पर कायम है।

आरबीआई के कार्यकारी निदेशक राधा श्याम राठो की अध्यक्षता में रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण पर केंद्रीय बैंक के अंतरविभागीय समूह ने 5 जुलाई को एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि आरबीआई आईजीबी को ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में शामिल करने के इंडेक्स प्रोवाइडर्स के साथ मिलने के लिए रास्ते खोज सकता है। डेटा, रिसर्च और एनालिटिक्स फर्म की इस रिपोर्ट के मुकाबिक प्रमुख ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स रेटिंग्स के आधार पर स्थानीय मुद्रा में निवेश करने वाले विदेशी फंड को भारत सरकार के डेट में निवेश करने के लिए प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है।

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