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Household savings : वित्त वर्ष 2023 में घरेलू बचत दर कई दशकों के निचले स्तर पर रही

रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि भारत की घरेलू बचत दर वित्त वर्ष 2023 में कई दशकों के निचले स्तर पर पहुंच गई। 18 सितंबर को जारी इन आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में देश की शुद्ध घरेलू बचत पिछले साल की तुलना में 19 फीसदी कम रही है। 2021-22 में देश की शुद्ध घरेलू बचत जीडीपी के 7.2 फीसदी पर थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 19, 2023 पर 3:25 PM
Household savings : वित्त वर्ष 2023 में घरेलू बचत दर कई दशकों के निचले स्तर पर रही
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल देश में घरेलू देनदारियों के 76 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली जबकि लोगों की वित्तीय संपत्ति में 2021-22 की तुलना में केवल 14 फीसदी की बढ़त देखने को मिली

18 सितंबर को आरबीआई द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की शुद्ध घरेलू बचत वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 19 फीसदी कम रही है। आंकड़ों में देखें तो वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की शुद्ध घरेलू बचत 13.77 लाख करोड़ रुपए रही है। ये गिरकर देश की जीडीपी के 5.1 फीसदी पर आ गई है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इकोनॉमिस्ट निखिल गुप्ता के मुताबिक जीडीपी के 5.1 फीसदी पर देश की शुद्ध घरेलू बचत 34 वर्षों में सबसे कम है।

कोविड के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में घरेलू बचत में हुई थी बढ़त

2021-22 में देश की शुद्ध घरेलू बचत जीडीपी के 7.2 फीसदी पर थी। जबकि कोविड महामारी से ग्रस्त वित्त वर्ष 2020-21 में देश की शुद्ध घरेलू बचत दर वित्त वर्ष 2019-20 के 8.1 फीसदी से बढ़कर जीडीपी के 11.5 फीसदी पर रही थी। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2020-21 में कोविड के चलते लोगों के खर्च में काफी कमी आई थी जिसकी वजह से इस अवधि में बचत दर ज्यादा रही थी।

 घरेलू देनदारियों के 76 फीसदी से ज्यादा की बढ़त 

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