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Bubonic Plague: अमेरिका में ब्यूबोनिक प्लेग का बढ़ा खतरा, जानिए इस घातक बीमारी के लक्षण और बचाव

Bubonic Plague: अमेरिका में इन दिनों एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी ने दस्तक दे दी है। इससे पूरी दुनिया की नींद उड़ गई है। इस बीमारी का नाम ब्यूबोनिक प्लेग (Bubonic Plague) है। 13 वीं शताब्दी में इस बीमारी ने यूरोप में तबाही मचा दी थी। इसे महामारी को ब्लैक डेथ का नाम दिया गया

Jitendra Singhअपडेटेड Feb 19, 2024 पर 12:38 PM
Bubonic Plague: अमेरिका में ब्यूबोनिक प्लेग का बढ़ा खतरा, जानिए इस घातक बीमारी के लक्षण और बचाव
Bubonic Plague: अमेरिका में 1346 से 1353 तक ब्यूबोनिक प्लेग से करीब 5 करोड़ लोगों की मौत हो गई थी।

Bubonic Plague: अमेरिका में एक और बीमारी का कहर शुरू हो गया है। अलास्कापॉक्स का मामला सामने आने के बाद अब यहां ब्यूबोनिक प्लेग (Bubonic Plague) का पहला मामला सामने आया है। यह बीमारी संयुक्त राज्य अमेरिका के ओरेगॉन राज्य में ब्लैक डेथ (Black Death) के नाम से मशहूर है। राज्य में साल 2005 के बाद पहली बार एक स्थानीय निवासी में ब्यूबोनिक प्लेग का मामला दर्ज किया है। आशंका जताई जा रही है कि यह बीमारी किसी बीमार पालतू बिल्ली से फैली है। इस बीमारी के बारे में फौरन पता चला गया। पीड़ित शख्स को एंटीबायोटिक दवाएं दी गईं। इस बीमारी में बिल्ली और शख्स का इलाज शुरू किया गया। लेकिन बिल्ली को नहीं बचाया जा सका।

ब्यूबोनिक प्लेग से पीड़ित मरीज मिलने के बाद अमेरिकी के अधिकारियों का कहना है कि वह इस बीमारी से निपटने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल मरीज का अस्पताल में इलाज चल रहा है। साल 1346 और 1353 के बीच, यूरोप में ब्यूबोनिक प्लेग से 5 करोड़ लोगों की मौत हो गई थी। इसे ब्लैक डेथ के नाम से जाना जाता है।

जानिए क्या है ब्यूबोनिक प्लेग

ब्यूबोनिक प्लेग एक ऐसी बीमारी है जो बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है। यह एक खास तरह के जीवाणु, येर्सिनिया पेस्टिस से संक्रमित होने कारण होता है। मानव शरीर में आमतौर पर यह कुतरने की प्रकृति रखने वाले जानवरों के कारण फैलती है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centre for Disease Control and Prevention - CDC) के अनुसार, मैमल्स के शरीर में प्लेग मौजूद रहता है। जब यह जानवर मानव के संपर्क में आते हैं तो बड़ी आसानी से इनका संक्रमण उन तक भी पहुंच जाता है। यह इंफेक्शन पिस्सू यानि टिक्स के कारण इंसानों में फैलता है। चूहों के अलावा यह इंफेक्शन गिलहरी और पालतू जानवर के फर्रों में होने वाली बैक्टीरिया से इंसानों में भी फैलता है।

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