सरकार ने गोल्ड और सिल्वर के हुक, स्क्रू और सिक्कों पर इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी की है। नया ड्यूटी रेट 15 पर्सेंट है जिसमें 10% की बेसिक कस्टम ड्यूटी शामिल है। इसके अलावा, ऑल इंडस्ट्री ड्यूटी ड्रॉबैक (AIDC) के तहत अतिरिक्त 5% टैक्स लगेगा। हालांकि, यह बढ़ोतरी सोशल वेलफेयर सरचार्ज से जुड़े छूट पर लागू नहीं होती है। इसके अलावा, सरकार ने 'स्पेंट कैटालिस्ट्स' के लिए इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। नया ड्यूटी रेट 14.35 पर्सेट है, जिसमें 10 पर्सेंट बेसिक कस्टम्स ड्यूटी (BCD) और अतिरिक्त 4.35% ऑल इंडस्ट्री ड्यूटी ड्रॉबैक (AIDC) शामिल है।
ड्यूटी में बढ़ोतरी 22 जनवरी, 2024 से लागू होगी। इसका मकसद इंपोर्ट को रेगुलेट करना और डोमेस्टिक इकॉनमी को सहारा देना है। भारत में गोल्ड की कीमतें इंटरनेशनल बेंचमार्क कीमतों से ज्यादा मुख्य तौर पर इंपोर्ट ड्यूटी की वजह से होती है। हालांकि, करेंसी की वैल्यू में बदलाव और डिमांड-सप्लाई से भी कुछ हद तक यह तय होता है कि आखिर घरेलू कीमतें डिस्काउंट या प्रीमियम में रहेंगी।
GJEPC कीमती धातुओं पर इंपोर्ट ड्यूटी को मौजूदा 15% से घटाकर 4% करने की मांग कर रही है। बजट 2024 (Budget 2024) में कटे और पॉलिश किए गए हीरों पर कस्टम ड्यूटी को मौजूदा 5% से घटाकर 2.5% करने की मांग की गई है। GJEPC ने सरकार से बजट 2024 में सोने और कटे व पॉलिश किए गए हीरों पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करने का अनुरोध किया है। काउंसिल ऐसा इसलिए चाहती है ताकि सेक्टर को ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धी बने रहने में मदद मिल सके।