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अप्रैल से जून तिमाही के बीच भारत में घटी गोल्ड की डिमांड, जानें क्या है इसके पीछे की बड़ी वजह, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

भारत के बाजार में सोने की रिकॉर्ड ऊंची कीमतो की वजह से अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सोने की मांग सात प्रतिशत घटकर 158.1 टन रह गई। इस साल भारत में सोने की खरीदारी सबसे कम होने का अनुमान है क्योंकि 2020 में कोविड-19 महामारी ने दूसरे सबसे बड़े खपत वाले देश को प्रभावित किया है, ऊंची घरेलू कीमतें खरीदारों को डरा रही हैं

Curated By: Abhishek Nandanअपडेटेड Aug 01, 2023 पर 6:45 PM
अप्रैल से जून तिमाही के बीच भारत में घटी गोल्ड की डिमांड, जानें क्या है इसके पीछे की बड़ी वजह, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
WGC के मुताबिक दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गोल्ड कंज्यूमर भारत के बाजार में सोने की रिकॉर्ड ऊंची कीमतो की वजह से अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सोने की मांग सात प्रतिशत घटकर 158.1 टन रह गई

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के मुताबिक दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गोल्ड कंज्यूमर भारत के बाजार में सोने की रिकॉर्ड ऊंची कीमतो की वजह से अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सोने की मांग सात प्रतिशत घटकर 158.1 टन रह गई। इस साल भारत में सोने की खरीदारी सबसे कम होने का अनुमान है क्योंकि 2020 में कोविड-19 महामारी ने दूसरे सबसे बड़े खपत वाले देश को प्रभावित किया है, ऊंची घरेलू कीमतें खरीदारों को डरा रही हैं।

2023 में भारत में बिकेगा इतना सोना

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) में भारत के क्षेत्रीय चीफ ऑफिसर पी.आर. सोमसुंदरम के अनुसार, भारत में 2023 में 650 से 750 टन सोना खरीदने की उम्मीद है। लंदन स्थित समूह के अनुसार, यह रेंज पिछले साल खरीदे गए 774 टन से कम है और 2020 में खरीदे गए 446 टन के बाद से सबसे कम है। सोने की रिकॉर्ड हाई कीमतों की वजह से गोल्ड खरीदने में गिरावट आई है। सोने की हाई कीमतों ने लोगों के खरीदने की क्षमता पर भी अपना असर डाला है। निवेश की मांग भी 2022 की दूसरी तिमाही में 30.4 टन से मामूली रूप से 3% गिरकर 29.5 टन हो गई। तिमाही के दौरान 2,000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध पर तीखी प्रतिक्रिया के बाद थोड़े समय के लिए सोने की मांग पर असर देखने को मिला।

कितनी हो गई सोने की कीमतें

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