Tax on Gifts: साली से मिला GIFT टैक्स फ्री, दोस्तों से मिले गिफ्ट पर लगता है टैक्स, जानें क्या कहता है नियम

Tax on Gifts: रिश्तेदारों से मिलने वाला गिफ्ट टैक्स फ्री होता है। वहीं दोस्तों से मिलने वाले गिफ्ट पर टैक्स चुकाना पड़ता है। गिफ्ट की कीमत 50000 रुपये से ज्यादा है तो उसमें टैक्स भरना पड़ता है। गिफ्ट की पूरे पैसों पर टैक्स लगता है। अगर आपको एक वित्त वर्ष में 55,000 रुपये के गिफ्ट मिलते हैं। इसमें पूरे पैसों पर टैक्स लगेगा

Edited By: Jitendra Singhअपडेटेड Jan 01, 2023 पर 3:52 PM
Tax on Gifts: साली से मिला GIFT टैक्स फ्री, दोस्तों से मिले गिफ्ट पर लगता है टैक्स, जानें क्या कहता है नियम
तोहफे की कुछ कैटेगरी पर इनकम टैक्‍स वसूला जाता है

Tax on Gifts: अगर आप नए साल में गिफ्ट ले रहे हैं तो सावधन जाएं। वैसे भी भारत में त्योहार या किसी खास मौके पर एक-दूसरे को गिफ्ट यानी तोहफे देना आम बात है। दोस्तों और परिवार के लोग कैश, सोना, डायमंड आदि के तौर पर तोहफे देते हैं। यह जरूरी नहीं है कि आपको मिले तोहफों पर टैक्स छूट मिलती हो। अगर इसकी कीमत 50,000 रुपये से ज्यादा है। तब उस पर टैक्स लगता है। वहीं गिफ्ट की कीमत अगर 50,000 रुपये से कम है तो वह पूरी तरह से टैक्स फ्री है। वहीं एक बात ये भी है कि अगर आपको साली ने गिफ्ट दिया है तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा। जबकि दोस्त से मिले गिफ्ट पर टैक्स लगता है।

कुल मिलाकर गिफ्ट पर टैक्स लगेगा कि नहीं यह रिश्तों पर निर्भर करता है। ऐसे में गिफ्ट लेने से पहले इनकम टैक्स के नियमों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। ताकि बाद में किसी भी तरह की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े।

इन लोगों से मिले गिफ्ट पर नहीं लगता टैक्स

इनकम टैक्स के सेक्शन 56 के तहत रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट टैक्स फ्री होते हैं। पति, पत्नी, भाई, बहन, पति और पत्नी के भाई बहन यानी साला और साली, पेरेंट्स के भाई बहन यानी मामा और चाचा, जिन लोगों से खून का रिश्ता (Blood Relation) हो, या पति पत्नी का जिन लोगों से ब्लड रिलेशन हो। वे रिश्तेदारों की श्रेणी में आते हैं। इन लोगों से मिले किसी भी प्रकार के गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता है। वहीं दोस्त रिश्तेदारों की श्रेणी में नहीं आते हैं। ऐसे में दोस्तों से मिलने वाले गिफ्ट पर टैक्स लगता है। लिहाजा अगर आपको मिला गिफ्ट छूट वाली कैटेगरी में नहीं आता है तो उसकी घोषणा अपनी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में करनी होगी।

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