Get App

Old to New Tax Regime: पुराने से नए टैक्स रिजीम में कैसे हों शिफ्ट, चेक करें प्रोसेस

Old to New Tax Regime: अगले वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में इनकम टैक्स के स्लैब रेट में बड़े बदलाव हुआ है। नए टैक्स सिस्टम के तहत 3 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-फ्री है। इसके अलावा अब 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा यानी कि टैक्स रीबेट की सीमा 7 लाख रुपये कर दी गई है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jan 12, 2024 पर 7:36 PM
Old to New Tax Regime: पुराने से नए टैक्स रिजीम में कैसे हों शिफ्ट, चेक करें प्रोसेस
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के बजट में कहा था कि 1 अप्रैल, 2023 से इनकम टैक्स की नई रीजीम डिफॉल्ट टैक्स रीजीम होगी। इससे पहले इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम डिफॉल्ट टैक्स रीजीम होती थी।

Old to New Tax Regime: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अगले वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में इनकम टैक्स के स्लैब रेट में बड़े बदलाव का एलान किया। नए टैक्स सिस्टम के तहत 3 लाख रुपये तक की आय को टैक्स-फ्री कर दिया गया है। इसके अलावा पहले 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता था जिसे अब बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है यानी कि टैक्स रीबेट की सीमा को 5 लाख रुपये की आय से 7 लाख रुपये कर दिया गया है। वित्त मंत्री सीतारमण के मुताबिक नया टैक्स सिस्टम अधिक बेहतर और कम कॉम्प्लीकेटेड है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर आपने पुराना टैक्स सिस्टम चुना हुआ है तो नए टैक्स सिस्टम में कैसे शिफ्ट हों।

कैसे शिफ्ट हों पुराने से नए टैक्स सिस्टम में

आमतौर पर वित्त वर्ष की शुरुआत में ही पुराने या नए टैक्स सिस्टम का फैसला कर लिया जाता है। हालांकि अगर टैक्सपेयर्स ने पुराने टैक्स सिस्टम को चुन लिया है और अब नए टैक्स सिस्टम में फायदा दिख रहा है तो इनकम टैक्स रिटर्न सबमिट करते समय शिफ्ट कर सकते हैं। टैक्स फाइलिंग को लेकर सहायात देने वाली क्लीयर के फाउंडर और सीईओ अर्चित गुप्ता के मुताबिक अगर किसी टैक्सपेयर्स को सैलरी के साथ बिजनेस इनकम भी हो तो उन्हें फॉर्म 10-आईई सबमिट करना चाहिए। इस फॉर्म को जमा करने का मतलब है कि टैक्सपेयर्स ने या तो नया टैक्स सिस्टम चुन लिया है या नहीं चुनने का फैसला किया है।

गुप्ता के मुताबिक अगर कोई टैक्सपेयर्स नए टैक्स सिस्टम में आना चाहता है या बाहर निकला चाहता है और उन्हें बिजनेस-प्रोफेशन से प्रॉफिट एंड गेन हो तो उन्हें Form 10-IE जरूर फाइल करना चाहिए। हालांकि अगर कंपनी या प्रोफेशन से आय न हो तो आईटीआर-1 या आईटीआर-2 सबमिट करते समय आसानी से नए टैक्स सिस्टम को चुन सकते हैं।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें