एक साल में 2.50 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई करने वालों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करना जरूरी होता है। हालांकि ITR एक साल में एक बार ही दाखिल किया जाता है। लेकिन इनकम टैक्स हमारी मंथली सैलरी के आधार पर काटा जाता है। इसे ही टीडीएस कहा जाता है। हम जहां पर नौकरी करते हैं वहीं से इनकम टैक्स स्लैब और साल के लिए सैलरी प्लान के आधार पर सैलरी से टीडीएस काटा जाता है। हालांकि अंतिम टैक्स देनदारी के बारे में ITR फाइलिंग करते वक्त ही पता चलता है। अगर हमारी अंतिम टैक्स देनदारी कुल टीडीएस से कम है तो आपको रिफंड मिलेगा। अगर आपकी देनदारी ज्यादा है तो आपको उस अंतर का भुगतान करना होगा।