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ITR Filing : AIS क्या है और टैक्सपेयर्स के लिए यह क्यों बहुत उपयोगी है?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर का एआईएस तैयार करता है। इसमें उन सभी हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन की जानकारी होती है, जो आपने फाइनेंशियल ईयर के दौरान किया है। इसे फॉर्म 26AS का अपग्रेड वर्जन भी कहा जा सकता है। एआईएस के जरिए आप अपनी इनकम और डिडक्शंस को जान सकते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 31, 2023 पर 12:47 AM
ITR Filing : AIS क्या है और टैक्सपेयर्स के लिए यह क्यों बहुत उपयोगी है?
टैक्स कंप्लायंस बढ़ाने में एआईएस ने बड़ी भूमिका निभाई है। इससे चूंकि इनकम डिपार्टमेंट को टैक्सपेयर्स के हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन का पता चल जाता है, जिससे टैक्स चोरी की कोशिशों में कमी आई है।

पिछले कुछ सालों में AIS टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी डॉक्युमेंट बन गया है। एआईएस का मतलब है 'एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट'। इसमें एक फाइनेंशियल ईयर में टैक्सपेयर्स के ट्रांजेक्शंस की जानकारी होती है। यह एक तरह का कंसॉलिडेटेड स्टेटमेंट है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर का एआईएस तैयार करता है। इसमें उन सभी हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन की जानकारी होती है, जो आपने फाइनेंशियल ईयर के दौरान किया है। इसे फॉर्म 26AS का अपग्रेड वर्जन भी कहा जा सकता है। एआईएस के जरिए आप अपनी इनकम और डिडक्शंस को जान सकते हैं। अगर आपको इसमें कोई गड़बड़ी दिख रही है तो आप उसे ठीक करा सकते हैं। यह आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले करना होगा।

AIS में कौन-कौन जानकारियां होती है?

AIS टैक्स की चोरी रोकने में भी मददगार है, क्योंकि यह सरकार को टैक्सपेयर्स से जुड़े सभी हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन की जानकारी देता है। इसका इस्तेमाल टैक्सपेयर के कैपिटल गेंस या लॉस को ट्रैक करने के लिए भी किया जा सकता है। यह इनवेस्टमेंट को बेचने के दौरान टैक्सपेयर्स की मदद करता है। इसमें कई अहम जानकारियां शामिल होती हैं। इनमें TDS, TCS, स्पेशिफायड फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन (SFT), टैक्स का पेमेंट, डिमांड और रिफंड्स, पेंडिंग और कंप्लिटेड प्रोसिडिंग्स शामिल होते हैं।

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