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ITR Filing : नई टैक्स रीजीम अब डिफॉल्ट टैक्स रीजीम है, जानिए इनमें स्विचिंग के प्रावधान क्या हैं

नई टैक्स रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने के लिए फाइनेंस एक्ट, 2023 में कई कदम उठाए गए हैं। पहला, नई टैक्स रीजीम को डिफॉल्ट रीजीम बना दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई टैक्सपेयर यह नहीं बताता है कि वह पुरानी टैक्स रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है तो यह मान लिया जाएगा कि वह नई टैक्स रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 31, 2023 पर 12:58 AM
ITR Filing : नई टैक्स रीजीम अब डिफॉल्ट टैक्स रीजीम है, जानिए इनमें स्विचिंग के प्रावधान क्या हैं
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2023 है। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 का इनकम टैक्स रिटर्न इस तारीख तक फाइल करना अनिवार्य है।

नई टैक्स रीजीम (New Tax Regime) फाइनेंस एक्ट, 2020 में पेश की गई थी। इसका मकसद टैक्सपेयर्स को आसान टैक्स स्ट्रक्चर और कम टैक्स रीजीम का ऑप्शन देना था। दरअसल, कई ऐसे टैक्सपेयर्स हैं, जो इनकम टैक्स एक्ट के तहत उपलब्ध डिडक्शंस और एग्जेम्प्शंस का लाभ नहीं उठाते हैं। नई टैक्स रीजीम फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में टैक्सपेयर्स को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो गई। यह ओल्ड टैक्स रीजीम का विकल्प है। यह फैसला टैक्सपेयर को करना है कि वह नई और पुरानी में से किस रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है। टैक्सपेयर्स के एक वर्ग ने नई टैक्स रीजीम का स्वागत किया था। लेकिन, अब भी ज्यादातर टैक्सपेयर्स पुरानी रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं।

अब ये फायदे नई टैक्स रीजीम में भी उपलब्ध

नई टैक्स रीजीम को अट्रैक्टिव बनाने के लिए फाइनेंस एक्ट, 2023 में कई कदम उठाए गए हैं। पहला, नई टैक्स रीजीम को डिफॉल्ट रीजीम बना दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई टैक्सपेयर यह नहीं बताता है कि वह पुरानी टैक्स रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है तो यह मान लिया जाएगा कि वह नई टैक्स रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है। दूसरा, सेक्शन 87ए के तहत मिलने वाले रिबेट का फायदा अब नई टैक्स रीजीम का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स भी उठा सकते हैं। 7 लाख रुपये सालाना इनकम वाले लोग इस रिबेट का फायदा उठा सकते हैं। ओल्ड टैक्स रीजीम में यह सीमा सालाना 5 लाख रुपये है।

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