Income Tax : ITR में इनकम बताने में हुई है गलती? आयकर विभाग ने लिए 68000 केस, इस तारीख तक देना होगा जवाब

टैक्सपेयर्स को अगर लगता है कि ई-वेरिफिकेशन में बताई गई असमानता सही है तो वे इसके लिए सफाई देते हुए टैक्स डिपार्टमेंट को जवाब भेज सकते हैं। इसके साथ ही टैक्सपेयर्स अपडेटेड रिटर्न भी फाइल कर सकते हैं। करदाताओं के पास 2019-20 के लिए अपडेटेड ITR फाइल करने के लिए 31 मार्च 2023 तक का समय है

Edited By: Shubham Thakurअपडेटेड Mar 13, 2023 पर 4:57 PM
Income Tax : ITR में इनकम बताने में हुई है गलती? आयकर विभाग ने लिए 68000 केस, इस तारीख तक देना होगा जवाब
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2019-20 में आयकर रिटर्न (ITR) में आय नहीं बताने या कम बताने को लेकर ई-वेरिफिकेशन के लिए लगभग 68,000 मामलों को लिया है।

Income Tax : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2019-20 में आयकर रिटर्न (ITR) में आय नहीं बताने या कम बताने को लेकर ई-वेरिफिकेशन के लिए लगभग 68,000 मामलों को लिया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चीफ नितिन गुप्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी। ई-वेरिफिकेशन स्कीम के तहत आयकर विभाग टैक्सपेयर्स को फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन और फाइल किए गए ITR के बारे में एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) में असमानता के बारे में बताता है।

टैक्सपेयर्स को अगर लगता है कि ई-वेरिफिकेशन में बताई गई असमानता सही है तो वे इसके लिए सफाई देते हुए टैक्स डिपार्टमेंट को जवाब भेज सकते हैं। इसके साथ ही टैक्सपेयर्स अपडेटेड रिटर्न भी फाइल कर सकते हैं।

लिए गए 68,000 मामले

गुप्ता ने कहा, ‘विभाग ने शुरुआती तौर पर तय रिस्क मैनेजमेंट पैरामीटर्स के आधार पर वित्त वर्ष 2019-20 के लगभग 68,000 मामले ई-वेरिफिकेशन के लिए उठाए हैं। इनमें से 35,000 केस (56 फीसदी) ऐसे हैं जिनमें करदाता पहले से ही संतोषजनक जवाब भेज चुके हैं या अपडेटेड ITR भर दिया है।’

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