इनकम टैक्स के नियम काफी जटिल होते हैं। कई मामलों में अफसरों के फैसलों को कोर्ट में चुनौती दी जाती है। हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक फैसला सुनाया है जो काफी अहम है। कोर्ट ने कहा है कि इनकम टैक्स (IT) एसेसमेंट का एक्सटेंडेड 10 साल का रिव्यू पीरियड सिर्फ तभी लागू होता है जब अनुमानित अघोषित आय 50 लाख रुपये से ज्यादा होती है। जस्टिस राजीव शखधर और गिरीश कठपालिया ने कहा है कि सामान्य मामलों में अगर Income Concealment 50 लाख रुपये से कम है और संबंधति एसेसेमेंट ईयर खत्म हुए तीन साल से ज्यादा वक्त हो चुका है तो किसी तरह का नोटिस जारी नहीं किया जाना चाहिए। इस सोच के साथ कोर्ट ने करीब 50 ऐसे रिएसेसमेंट के नोटिस निरस्त कर दिए, जो एसेसमेंट ईयर (AY) 2016-17 और 2017-18 में जारी किए गए थे। इनमें इनकम कंसीलमेंट 50 रुपये से कम था।