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GST चोरी पड़ेगी भारी, इनकम टैक्स और MCA डेटा के जरिए आप पर नजर रखेगा जीएसटी विभाग

सरकार के इस कदम का मकसद उन लोगों को पकड़ना है जो सही तरीके से GST ना चुकाकर टैक्स चोरी करते हैं। इससे वो लोग भी पकड़े जाएंगे जो अलग-अलग रेगुलेटर्स को अलग-अलग जानकारी देते हैं

Abhishek Anejaअपडेटेड Mar 27, 2023 पर 9:00 AM
GST चोरी पड़ेगी भारी, इनकम टैक्स और MCA डेटा के जरिए आप पर नजर रखेगा जीएसटी विभाग
आने वाले साल में टेक्नोलॉजी और डेटा एनालिटिक्स का बेहतर इस्तेमाल करते हुए टैक्स चोरी का बेहतर ढंग से पता लगाने की उम्मीद है

GST डिपार्टमेंट अब टैक्स चोरी करने वाले लोगों को पकड़ने के लिए नए तरीके आजमा रहा है। GST विभाग अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से मुहैया डेटा और मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (MCA) के डेटा से करेगा। MCA जिन LLP और कंपनियों का संचालन करता है उन कंपनियों से जुड़ी जानकारी वह GST विभाग से शेयर करेगा। GST के तहत करीब 1.3 करोड़ रजिस्टर्ड बिजनेस और सर्विस प्रोवाइडर्स हैं। कोरोनावायरस महामारी के बाद इकोनॉमी रिकवरी हुई है। इसी का नतीजा है कि पिछले 12 महीनों में GST से होने वाला टैक्स कलेक्शन मंथली 1.4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टैक्सपेयर्स जो रिटर्न फाइल करेंगे उसका डेटा GST डिपार्टमेंट मैच करके देखेगा। इसके बाद MCA के तहत आने वाली कंपनियों और LLP के GST रिटर्न के साथ उनके फाइनेंशियल डिटेल को भी मिलाकर देखा जाएगा।

इस कदम का मकसद उन लोगों को पकड़ना है जो सही तरीके से GST ना चुकाकर टैक्स चोरी करते हैं। इससे वो लोग भी पकड़े जाएंगे जो अलग-अलग रेगुलेटर्स को अलग-अलग जानकारी देते हैं।

अगर आपको गलत रिटर्न फाइल करने की वजह से नोटिस मिलता है तो आपको जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा। आमतौर पर ऐसी गड़बड़ियां गुड्स एंड सर्विसेज के वैल्यूएशन रूल अलग होने और विभिन्न कानून के तहत राजस्व की मान्यता अलग होने के कारण होती है।

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