सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने एक निश्चित अमाउंट तक की टैक्स डिमांड को माफ करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। उसने इस बारे में 13 फरवरी को आदेश जारी किया है। सीबीडीटी ने इस साल बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के ऐलान के बाद आदेश जारी किया है। वित्तमंत्री ने 1 फरवरी, 2024 को एक निश्चित अमाउंट और अवधि की टैक्स डिमांड को माफ करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार के इस कदम से बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी। 13 फरवरी सीबीडीटी की तरफ से जारी आदेश में टैक्स डिमांड माफ करने की शर्तों के बारे में बताया गया है।
हर टैक्सपेयर के लिए एक लाख रुपये तक की टैक्स डिमांड माफ होगी
इनकम टैक्स एक्ट, 1961, वेल्थ टैक्स एक्ट, 1957 और गिफ्ट टैक्स एक्ट, 1958 के तहत जारी किए टैक्स डिमांड के मामले में टैक्सपेयर्स को राहत दी गई है। 2015-16 तक के अलग-अलग एसेसमेंट ईयर के लिए टैक्स डिमांड की सीमा (अमाउंट) अलग-अलग है। हालांकि, हर टैक्सपेयर की डिमांड माफी के लिए 1,00,000 रुपये की सीमा तय की गई है। इसमें टीडीएस और टीसीएस की डिमांड एंट्री शामिल नहीं हैं।
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एसेसमेंट ईयर के हिसाब से टैक्स डिमांड की सीमा तय
यह माफी एसेसमेंट ईयर 2010-11 के हर 25,000 रुपये तक की डिमांड के मामले में मिलेगी। एसेसमेंट ईयर 2011-12 से एसेसमेंट ईयर 2015-16 के दौरान हर 10,000 रुपये तक की टैक्स डिमांड को यह माफी मिलेगी। इसका मतलब है कि एसेसमेंट ईयर 20210-11 से जुड़ी टैक्स डिमांड के लिए मैक्सिमम 25,000 रुपये की माफी मिलेगी। इसी तरह एसेसमेंट ईयर 2011-12 से 20215-16 के दौरान हर टैक्स डिमांड की माफी के लिए अधिकतम सीमा 10,000 रुपये होगी।
टीडीएस/टीसीएस के प्रावधानों के तहत जारी टैक्स डिमांड को माफी नहीं
यह ध्यान में रखना जरूरी है कि इस माफी के तहत टीडीएस और टीसीएस के प्रावधानों के तहत जारी की गई टैक्स डिमांड नहीं आएंगी। इस माफी में टैक्स डिमांड के प्रिंसिपल के हिस्सा के साथ ही इंटरेस्ट, पेनाल्टी, फी, सेस या सरचार्ज शामिल होंगे। डायरेक्टोरेट ऑफ इनकम टैक्स (सिस्टम)/सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर, बेगलुरु (सीपीसी) को सीबीडीटी के आदेश का पालन करने को कहा गया है। उसे दो महीने के अंदर आदेश का पालन करना होगा। अगर इस माफी में किसी तरह की गलती पायी जाती है तो उसे सीपीसी, बेंगलुरु को ठीक करना होगा।