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SEBI का यह प्रस्ताव लागू हुआ तो ETF और इंडेक्स फंडों का बढ़ जाएगा रिटर्न

सेबी ने कैपिटल मार्केट्स से जुड़े अलग-अलग क्षेत्रों के लिए वर्किंग ग्रुप बनाया है। म्यूचुअल फंडों के लिए बनाए गए वर्किंग ग्रुप ने पैसिव फंडों के मामले में ग्रुप कंपनियों में मैक्सिम 25 फीसदी निवेश के नियम में छूट देने का सुझाव दिया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 24, 2024 पर 2:29 PM
SEBI का यह प्रस्ताव लागू हुआ तो ETF और इंडेक्स फंडों का बढ़ जाएगा रिटर्न
सेबी का मानना है कि इंडेक्स फंडों और ईटीएफ को ग्रुप कंपनियों में उनके बेंचमार्क सूचकाकों के हिसाब से निवेश करने की इजाजत मिलनी चाहिए।

मार्केट रेगुलेटर SEBI ने एक ऐसा प्रस्ताव पेश किया है, जिसके लागू होने पर ETF और इंडेक्स फंडों का रिटर्न बढ़ सकता है। दरअसल, सेबी ने इक्विटी ओरिएंटेड पैसिव फंडों को ग्रुप कंपनियों में मैक्सिमम 25 फीसदी निवेश के नियम से छूट देने का प्रस्ताव दिया है। अभी इक्विट या पैसिव इक्विटी स्कीमों के लिए ग्रुप कंपनियों में मैक्सिमम 25 फीसदी तक निवेश करने की इजाजत है। ईटीएफ और इंडेक्स फंड पैसिव फंड हैं। इसलिए अगर सेबी के इस प्रस्ताव के लागू होने पर ईटीएफ और पैसिव फंडों को ग्रुप कंपनियों में 25 फीसदी से ज्यादा निवेश करने की इजाजत मिल जाएगी।

23 फरवरी को आया है कंसल्टेशन पेपर

सेबी का मानना है कि इंडेक्स फंडों और ईटीएफ को ग्रुप कंपनियों में उनके बेंचमार्क सूचकाकों के हिसाब से निवेश करने की इजाजत मिलनी चाहिए। इससे इटीएफ और इंडेक्स फंडों का रिटर्न उनके बेंचमार्क के जितना हो सकता है। यह ध्यान में रखना जरूरी है कि एक्टिव इक्विटी फंडों के ग्रुप कंपनियों में निवेश के लिए 25 फीसदी की सीमा लागू रहेगी। सेबी ने यह कंसल्टेशन पेपर 23 फरवरी को जारी किया है।

मार्केट रेगुलेट ने कई वर्किंग ग्रुप बताए

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