Mivan shuttering: हर किसी की इच्छा होती है कि उनका एक घर हो। घर का सपना पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं। केंद्र सरकार हर तबके के लोगों को पक्के घर मुहैया कराने की कोशिश में जुटी हुई है। इस बीच कई जगहों पर बिल्डर मिवान शटरिंग टेक्नोलॉजी के जरिए फ्लैट्स बनाने पर जोर दे रहे हैं। यह एक नई टेक्नोलॉजी है। भले ही अभी इसका ज्यादा इस्तेमाल नहीं हो रहा है। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में इस टेक्निक का इस्तेमाल जोर पकड़ सकता है।
दरअसल, मिवान शटरिंग टेक्नोलॉजी में घरह बनाते समय ईंट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। बिल्डरों के ऊपर जल्द ही घर बनाकर देने का दबाव रहता है। वहीं प्रोजेक्टस में देरी होती है तो उसकी लागत बढ़ जाती है। ऐसे में बिल्डर तेजी से मिवान शटरिंग टेक्नोलॉजी के जरिए फ्लैट्स बनाने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
जानिए क्या है मिवान शटरिंग टेक्नोलॉजी
मिवान शटरिंग एक एडवांस्ड फॉर्मवर्क सिस्टम है। जिसके जरिए मजबूत कंक्रीट इमारतों को बनाने में का जाता है। इसमें घर बनाने का बेसिक स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए एल्यूमीनियम पैनल और एक्सट्रूडेड प्रोफाइल का इस्तेमाल किया जाता है। इस सिस्टम के जरिए बेहद कम समय में प्रोजेक्ट्स पूरे हो जाते हैं। जिससे बिल्डर बेहद कम समय में रेसिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स डिलीवर कर देते हैं। मिवान कंस्ट्रक्शन में दीवार को मजबूत करने वाले स्टील का इस्तेमाल बिल्डिंग को एक ढांचा देने और कंक्रीट के सपोर्ट के लिए किया जाता है। इसके लिए कारखाने में तैयार एल्यूमीनियम फॉर्मवर्क स्टील की जाली सीधे कंस्ट्रक्शन साइट पर लगाई जाती है।
मिवान टेक्नोलॉजी के फायदे
1 - मिवान टेक्नोलॉजी बनाए गए घरों में भूंकप से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है। इससे जानमाल के नुकसान की आशंका कम हो जाती है।
2 - मिवान कंस्ट्रक्शन में हाई क्वालिटी के एल्यूमीनियम का इस्तेमाल करने से घर की मजबूती बढ़ती है।घर बनाने के पारंपरिक तरीकों के मुकाबले मिवान शटरिंग निर्माण प्रोसेस में 30 फीसदी से 50% तक काम में तेजी आती है। जिसकी वजह से प्रोजक्ट्स जल्दी पूरे हो जाते हैं। यानी इस टेक्नोलॉजी में समय कम लगता है।
3 - इस कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी में ज्यादा कारपेट एरिया निकलने की गुजाइंश होती है। इसमें प्लास्टरिंग की भी जरूरत नहीं होती है।
4 - इसमें ज्वाइंट्स बहुत कम होते हैं। लिहाजा लिकेज की समस्या बहुत कम आती है। इसलिए ज्यादा मेंटनेंस की जरूरत नहीं होती है।