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क्या देरी वाले प्रोजेक्ट्स में पजेशन के बाद मुआवजे का क्लेम किया जा सकता है?

महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (MahaRERA) ने अपने आदेश में कहा है कि घरों और फ्लैट के खरीदार घर का पजेशन लेने के बाद RERA एक्ट के सेक्शन 18 के तहत पजेशन में देरी के लिए मुआवजा या ब्याज का दावा नहीं कर सकते। RERA एक्ट के सेक्शन 18 को लेकर MahaRER की व्याख्या के मुताबिक, उल्लंघन का मामला शिकायत दर्ज करते समय रहना चाहिए, तभी इस पर विचार किया किया जा सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 25, 2023 पर 10:41 PM
क्या देरी वाले प्रोजेक्ट्स में पजेशन के बाद मुआवजे का क्लेम किया जा सकता है?
प्रॉपर्टी डिवेलपर का कहना था कि पर्यावरण संबंधी मंजूरी की वजह से इस मामले में देरी हुई।

महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (MahaRERA) ने अपने आदेश में कहा है कि घरों और फ्लैट के खरीदार घर का पजेशन लेने के बाद RERA एक्ट के सेक्शन 18 के तहत पजेशन में देरी के लिए मुआवजा या ब्याज का दावा नहीं कर सकते। RERA एक्ट के सेक्शन 18 को लेकर MahaRER की व्याख्या के मुताबिक, उल्लंघन का मामला शिकायत दर्ज करते समय रहना चाहिए, तभी इस पर विचार किया किया जा सकता है।

क्या है मामला

गिरीश भोइते (Girish Bhoite) नामक शख्स ने पुणे की कंपनी परांजपे स्कीम्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड से प्रॉपर्टी खरीदी थी। इसके तहत 50 लाख की प्रॉपर्टी के लिए 2015 में एग्रीमेंट पर दस्तखत हुए थे और पजेशन मार्च 2019 में दिया जाना था। हालांकि, खरीदार को पजेशन मई 2022 में मिला और इसके बाद उन्होंने देरी से पजेशन के लिए MahaRERA से मुआवजे के साथ ब्याज की मांग की। प्रॉपर्टी डिवेलपर का कहना था कि चूंकि उस अपार्टमेंट के लिए शिकायत, पजेशन लेने के बाद दायर की गई है, लिहाजा यह मामला गौर करने के लायक नहीं है।

प्रॉपर्टी डिवेलपर का यह भी कहना था कि पर्यावरण संबंधी मंजूरी की वजह से इस मामले में देरी हुई। इसके अलावा, देरी की एक और वजह कोविड महामारी रही। डिवेलपर का कहना था कि उसे इस प्रोजेक्ट के लिए ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट अप्रैल 2021 में मिला और इस बारे में खरीदार को सूचित किए जाने के बावजूद उन्होंने मई 2022 तक पजेशन नहीं लिया।

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