चाइनीज रियल्टी सेक्टर पर संकट के बादल, लेकिन भारत के प्रॉपर्टी मार्केट में बूम, जानें क्या है वजह?

रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस सेक्टर में भारत और चीन की तुलना ठीक नहीं है। इस सेक्टर को लेकर दोनों देशों के मामले में सबसे बड़ा अंतर एंड यूजर डिमांड को लेकर है। लीमैन ब्रदर्स के 2008 में दिवालिया होने के बाद जब भारत का रियल एस्टेट सेक्टर सुस्ती का शिकार था, तब भी यहां मांग में कमी नहीं थी। रियल एस्टेट सेक्टर में बुलबुले के दौर में भी निवेशक और एंड यूजर प्रॉपर्टी खरीद रहे थे

अपडेटेड Oct 22, 2023 पर 10:29 PM
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चीन की जीडीपी में रियल एस्टेट का हिस्सा 30% है, जबकि भारत की जीडीपी में यह हिस्सेदारी महज 7 पर्सेंट है।

चीन के रियल्टी सेक्टर की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिसंबर 2021 में चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांड के डिफॉल्टर होने के बाद अब पिछले कुछ हफ्तों में एक और रियल एस्टेट कंपनी कंट्री गार्डन (Country Garden) की भी हालत खराब है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर यह 1.5 करोड़ डॉलर के कूपन पेमेंट में नाकाम रहती है, तो कंट्री गार्डन का पूरा ऑफशोर डेट डिफॉल्ट माना जाएगा।

ऐसे में सवाल यह है कि क्या भारत का रियल एस्टेट मार्केट बेहतर स्थिति में है और क्या यहां रियल एस्टेट बूम की मौजूदा रफ्तार जारी रहेगी? जेपी मॉर्गन (JP Morgan) के मुताबिक, साल 2021 से अब तक होम सेल्स से जुड़े कई चाइनीज रियल एस्टेट रियल डिवेलपर्स अपने कर्ज के मामले में डिफॉल्ट कर चुके हैं। क्रेडिटसाइट्स (CreditSights) के आंकड़ों के मुताबिक, चाइनीज रियल एस्टेट डिवलेपर्स 2021 से अब तक कुल 175 अरब डॉलर के बॉन्ड में से 114.6 अरब डॉलर का डिफॉल्ट हुआ। चीन में रियल एस्टेट संकट की मुख्य वजह कोविड-19 महामारी और रेगुलेटरी इकाइयों द्वारा इन इकाइयों पर की जा रही सख्ती है।

चीन और भारत की रियल्टी मार्केट से जुड़े अहम तथ्य

चीन की जीडीपी में रियल एस्टेट का हिस्सा 30% है, जबकि भारत की जीडीपी में यह हिस्सेदारी महज 7 पर्सेंट है। नाइट फ्रैंक के रिसर्च पेपर के मुताबिक, 1998 में देशभर में हाउसिंग मार्केट की स्थापना के बाद प्रॉपर्टी मार्केट ने चीन में अहम भूमिका अदा की है। बाकी इंडस्ट्रीज, खास तौर पर कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के साथ प्रॉपर्टी मार्केट के इंटीग्रेशन के बाद चीन के जीडीपी में रियल एस्टेट की हिस्सेदारी में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली। दूसरी तरफ, भारत के जीडीपी में यहां के रियल एस्टेट सेक्टर की हिस्सेदारी महज 7 पर्सेंट है।


एक अनुमान के मुताबिक, भारत के रियल एस्टेट सेक्टर का मार्केट साइज तकरीबन 477 अरब डॉलर है और कुल आर्थिक उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी 7.3 पर्सेंट है। साल 2047 तक भारत का रियल एस्टेट सेक्टर बढ़कर 5.8 लाख करोड़ डॉलर हो जाने का अनुमान है, जो यहां की जीडीपी का तकरीबन 15.5 पर्सेंट तक हो सकता है।

भारत की रियल एस्टेट ग्रोथ में एंड यूजर की अहम भूमिका

रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस सेक्टर में भारत और चीन की तुलना ठीक नहीं है। इस सेक्टर को लेकर दोनों देशों के मामले में सबसे बड़ा अंतर एंड यूजर डिमांड को लेकर है। लीमैन ब्रदर्स के 2008 में दिवालिया होने के बाद जब भारत का रियल एस्टेट सेक्टर सुस्ती का शिकार था, तब भी यहां मांग में कमी नहीं थी। रियल एस्टेट सेक्टर में बुलबुले के दौर में भी निवेशक और एंड यूजर प्रॉपर्टी खरीद रहे थे। उस वक्त घर के जिन खरीदारों ने निवेश किया था, वे अपनी अपार्टमेंट कॉस्ट के तकरीबन 80 पर्सेंट हिस्से का भुगतान कर चुके हैं।

MoneyControl News

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First Published: Oct 22, 2023 7:04 PM

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