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PPF और EPF में से आपके लिए कौन बेहतर? क्या एक साथ दोनों में निवेश रहेगा सही?

EPF vs PPF comparison: EPF और PPF दोनों ही लंबी अवधि के निवेश के माध्यम हैं। ईपीएफ प्राइवेट कंपनियों में नौकरी करने वाले लोगों के लिए है। पीपीएफ में निवेश करने के लिए व्यक्ति का प्राइवेट या सरकारी एंप्लॉयी होना जरूरी नहीं है। कोई व्यक्ति पीपीएफ अकाउंट ओपन कर लंबी अवधि का निवेश कर सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 21, 2024 पर 2:21 PM
PPF और EPF में से आपके लिए कौन बेहतर? क्या एक साथ दोनों में निवेश रहेगा सही?
PPF का मतलब पब्लिक प्रोविडेंट फंड है। इस सेविंग्स स्कीम में कोई भी निवेश कर सकता है।

रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए जिन इनवेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल होता है उनमें पीपीएफ (PPF) सबसे ऊपर है। यह सरकार की स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स का हिस्सा है। सरकार की स्कीम होने की वजह से इस पर लोग बहुत भरोसा करते हैं। लंबी अवधि में निवेश करने पर इस स्कीम की मदद से अच्छा फंड तैयार हो जाता है, जिसका इस्तेमाल रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। EPF यानी एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड भी लंबी अवधि के निवेश का माध्यम है। दोनों में से किसमें निवेश ज्यादा फायदेमंद है? आपको किसमें निवेश करना चाहिए? क्या दोनों में एक साथ निवेश किया जा सकता है? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

EPF प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले एंप्लॉयीज के लिए

ईपीएफ एक रिटायरमें बेनेफिट स्कीम है, जो प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए है। इसका मतलब यह है कि प्राइवेट कंपनी में काम करने वाला व्यक्ति इस स्कीम में निवेश करता है। इसमें निवेश स्वैच्छिक नहीं है। प्राइवेट एंप्लॉयी के लिए इसमें निवेश करना अनिवार्य है। हर महीने सैलरी का एक हिस्सा ईपीएफ अकाउंट में चला जाता है। इसमें एंप्लॉयी और एंप्लॉयर (कंपनी) दोनों का कंट्रिब्यूशन बराबर-बराबर होता है। प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के ईपीएफ फंड का प्रबंधन ईपीएफओ करता है। यह सरकार के बनाए नियमों के हिसाब से काम करता है।

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