नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) न सिर्फ रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए अच्छा निवेश माध्यम है बल्कि यह टैक्स बचाने में भी मददगार है। कई लोग एनपीएस के तहत उपलब्ध टैक्स-बेनेफिट्स का पूरा फायदा नहीं उठाते हैं। अगर आपका एंप्लॉयर आपकी बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी तक एनपीएस कॉर्पस में कंट्रिब्यूट करता है तो यह अमाउंट टैक्स के दायरे में नहीं आएगा। यह पैसा आपकी कुल कुल कॉस्ट-टू-कंपनी (CTC) का हिस्सा हो सकता है। इससे आपकी टैक्स लायबिलिटी काफी घट जाएगी। आप खुद अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी तक एनपीएस में कंट्रिब्यूट कर सकते हैं। इस पर आप सेक्शन 80सीसीडी (1) के तहत डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं कि NPS टैक्स बचाने में आपकी किस तरह मदद कर सकता है।