New Electricity Connection: अब देश में नए बिजली कनेक्शन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। बड़े शहरों में सात दिन की जगह 3 दिन में इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन मिल जाएगा। गांवों में नए बिजली के मीटर के लिए 30 दिन का लंबा इंतजार नहीं करना होगा। गांवों में 15 दिन में बिजली का कनेक्शन मिल जाएगा। सरकार ने बिजली कनेक्शन से जुड़े नियमों में बदलाव कर दिया है। सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए नए कनेक्शन लेने और छतों पर लगने वाली सौर इकाइयों के लिए नियम आसान बना दिये हैं। बिजली मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि सरकार ने इससे संबंधित बिजली (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 में रिवीजन को मंजूरी दे दी है।
मेट्रो शहरों में 3 दिन, गांवों में 15 दिन में लग जाएगा बिजली कनेक्शन
बयान के मुताबिक नया बिजली कनेक्शन मिलने की घटाकर मेट्रो शहरों में 7 दिन से घटाकर 3 दिन कर दिया गया है। अन्य नगर निगम एरिया में 15 दिन से घटाकर सात दिन और गांवों में 30 दिन की जगह 15 दिन में बिजली का नया कनेक्शन मिल जाएगा। हालांकि, पहाड़ी क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों में नए कनेक्शन लेने या मौजूदा कनेक्शन में रिवीजन के लिए समय पहले की तरह 30 दिन ही रहेगी।
बिजली की रीडिंग गलत होने पर लगेगा नया मीटर
इसके साथ ही मीटर रीडिंग वास्तविक बिजली खपत के अनुरूप नहीं होने की शिकायत होने पर वितरण लाइसेंसधारी को अब शिकायत मिलने की तारीख से पांच दिनों के भीतर एक अतिरिक्त मीटर लगाना होगा। इस अतिरिक्त मीटर का इस्तेमाल रीडिंग के वैरिफिकेशन के लिए किया जाएगा। नए नियमों में उपभोक्ताओं की शिकायतों के मामले में बिजली की खपत के वैरिफिकेशन के लिए कंपनियों के लगाए गए मीटरों की जांच का भी प्रावधान किया गया है। केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा कि सरकार के लिए उपभोक्ताओं का हित सर्वोपरि है। ये रिवीजन इसी को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं।
EV गाड़ी चार्ज करने के लिए लगा सकते हैं नया बिजली कनेक्शन
नए नियमों के तहत उपभोक्ता अब अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को चार्ज करने के लिए अलग से बिजली कनेक्शन ले सकते हैं। यह देश के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन तक पहुंचने के लक्ष्य के अनुरूप है। सहकारी हाउसिंग सोसाइटी, बहुमंजिला इमारतों, आवासीय कॉलोनी आदि में रहने वाले लोगों के पास अब वितरण लाइसेंसधारी से या तो सभी के लिए व्यक्तिगत कनेक्शन या पूरे परिसर के लिए सिंगल-प्वाइंट कनेक्शन चुनने का विकल्प होगा।
मंत्रालय ने कहा कि रिवीजन के बाद छत पर सौर बिजली इकाई लगाने का प्रोसेस भी आसान हो जाएगा। साथ ही इसमें मल्टीस्टोरी बिल्डिंगों में रहने वाले ग्राहकों को भी कनेक्शन का टाइप चुनने का अधिकार दिया गया है। इसके अलावा रेजिडेंशियल सोसाइटी, सामान्य एरिया और बैक-अप जनरेटर के लिए अलग-अलग बिलिंग तय की गई है जिससे पारदर्शिता आएगी। इस रिवीजन ने छत पर सौर प्रणाली स्थापित करने को भी अधिक सरल और तेज बना दिया है। मंत्रालय ने कहा कि 10 किलोवाट की तक की सौर प्रणालियों के लिए तकनीकी रिसर्च की जरूरत नहीं होगी। इससे अधिक क्षमता की सौर प्रणालियों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन की समयसीमा 20 दिन से घटाकर 15 दिन कर दी गई है। यदि निर्धारित समय के भीतर अध्ययन पूरा नहीं होता है तो उसे अनुमोदित माना जाएगा।