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LGT ग्रुप भारत में विस्तार के लिए अच्छे अधिग्रहण की तलाश में: प्रिंस मैक्स वॉन

भारत में वेल्थ मैनेजमेंट की डिमांड काफी तेजी से बढ़ रही है यह एक विकास करती इकोनॉमी है। जिसके चलते भारत में वेल्थ मैनेजमेंट कारोबार में व्यापक संभावनाएं है। भारत में इस कारोबार में ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक दोनों तरीकों से ग्रोथ किया जा सकता है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Oct 22, 2022 पर 12:38 PM
LGT ग्रुप भारत में विस्तार के लिए अच्छे अधिग्रहण की तलाश में: प्रिंस मैक्स वॉन
Prince Max ने इस बात को भी हाइलाइट किया कि भारत में HNI और ultra HNI क्लाइंट प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट के लिए काफी रुचि दिखा रहे हैं

दुनिया का सबसे बड़ा एक परिवारिक मालिकाना हक वाला प्राइवेट बैंक और एसेट मैनेजर एलजीटी ग्रुप भारत में अपना विस्तार करने के लिए ज्यादा से ज्यादा अधिग्रहण करने के मौके की तलाश में है। गौरतलब है कि LGT ग्रुप लिचेंस्टीन (Liechtenstein) का एक प्राइवेट बैंकर है। कंपनी का ग्लोबल AUM 300 अरब डॉलर से ज्यादा है। कंपनी ने हाल ही में भारत के विकसित होते प्राइवेट बैकिंग और वेल्थ मैनेजमेंट सेगमेंट में कदम रखा है। इसके लिए कंपनी ने LGT Wealth India नाम की कंपनी की स्थापना की है।

मनीकंट्रोल को दिए गए अपने एक इंटरव्यू में LGT ग्रुप के चेयरमैन प्रिंस मैक्स वॉन अंड ज़ू लिचेंस्टीन (H.S.H Prince Max von und zu Liechtenstein) ने कहा कि भारत के प्राइवेट बैंकिंग और वेल्थ कारोबार में विकास की काफी बड़ी संभावना है। देश में उपलब्ध इस मौके का फायदा उठाने और भारत में अपने कारोबार के विस्तार के लिए हम और किसी भी अच्छे अधिग्रहण के लिए तैयार हैं।

इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि LGT Wealth India का लक्ष्य हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल और अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल के लिए एक टॉप टियर फूल सर्विस प्लेटफॉर्म बनने का है। अगले 5 साल में हम भारत के 3 टॉप प्राइवेट क्लाइंट बिजनेस के तौर पर अपना नाम दर्ज कराना चाहते हैं। इस बातचीत में Prince Max ने इस बात को भी हाइलाइट किया कि भारत में HNI और ultra HNI क्लाइंट प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट के लिए काफी रुचि दिखा रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि भारत एक तेजी से ग्रोथ करती इकोनॉमी है जिसके चलते तमाम सेक्टरों में काफी तेजी से वेल्थ क्रिएशन हो रहा है। लेकिन HNI/UHNI फैमिलीज के लिए अभी भी अच्छी क्वालिटी के लिए वित्तीय परामर्शदाताओं का अभाव है। भारत में HNIऔर UHNI अपने पैसे को अच्छी जगह लगाने चाहते हैं लेकिन उनको सलाह देने वाली कंपनियों की कमी है और हम इसी कमी की भरपाई करना चाहते हैं।

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