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Hyper-personalization: जानिए यह कैसे फाइनेंशियल सेक्टर में सफलता की चाबी बन गया है

अब सभी तरह के कस्टमर्स के लिए सिर्फ एक तरह का एप्रोच या व्यापक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी पर्याप्त नहीं है। कस्टमर्स तक कई तरह की जानकारियां पहुंच रही हैं और प्रोडक्ट्स और ऑफर्स के बारे में उन्हें कम्युनिकेशंस के कई स्रोतों से पता चल रहा है। यह शोरगुल उनके दिमाग पर बुरा असर डाल सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 22, 2022 पर 5:33 PM
Hyper-personalization: जानिए यह कैसे फाइनेंशियल सेक्टर में सफलता की चाबी बन गया है
हाइपर-पर्सनलाइजेशन रियल-टाइम डेटा कैप्चर करता है। फिर वह कस्मटमर डेटा को देखने के बाद प्रॉब्लम को समझने की कोशिश करता है और कस्टमाइज्ड सॉल्यूशंस प्रदान करता है।

हम डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के युग में जी रहे हैं, जिसमें कस्टमर्स बिजनेसेज से सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी करने की उम्मीद नहीं करते बल्कि वे इससे ज्यादा चाहते हैं।

अब सभी तरह के कस्टमर्स के लिए सिर्फ एक तरह का एप्रोच या व्यापक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी पर्याप्त नहीं है। कस्टमर्स तक कई तरह की जानकारियां पहुंच रही हैं और प्रोडक्ट्स और ऑफर्स के बारे में उन्हें कम्युनिकेशंस के कई स्रोतों से पता चल रहा है। यह शोरगुल उनके दिमाग पर बुरा असर डाल सकता है। इस शोरगुल के बीच सही जानकारी की पहचान के लिए एक प्रभावी सिस्टम जरूरी है। हायर-पर्सनलाइजेशन इसी प्रॉब्लम को दूर करता है। यह कंपनियों के लिए पर्सनलाइज्ड एक्सपीरियंस प्रदान करने का आधुनिक तरीका है।

आइए यह समझने की कोशिश करते हैं कि किस तरह प्रोडक्ट्स और ब्रांड्स हाइपर पर्सनलाइजेशन क्रिएट करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं और फाइनेंशियल सेक्टर के लिए इसका क्या मतलब है।

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