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Stock Market Mistakes: शेयर बाजार से करोड़पति बनना है, तो इन 9 आदतों से तुरंत पा लें छुटकारा

Stock Market Mistakes: शेयर बाजार से अगर आपको करोड़पति बनना है या अच्छा खासा पैसा कमाना है तो आपको कुछ आदतें तुरंत छोड़ देनी चाहिए। आज बहुत सारे लोगों स्टॉक मार्केट में अपनी ही गलती के चलते पैसा खो रहे हैं। अमेरिका के एक दिग्गज निवेशक बेंजामिन ग्राहम ने बहुत पहले ही समस्या को पहचान लिया था। बेंजामिन ग्राहम ने कहा था कि किसी भी निवेशक का सबसे बड़ा दुश्मन खुद उसका व्यक्तित्व हो सकता है। मार्केट एक्सपर्ट्स को अब यह बात ज्यादा अच्छे से समझ में आ रही है

Moneycontrol Newsअपडेटेड Nov 23, 2023 पर 11:04 PM
Stock Market Mistakes: शेयर बाजार से करोड़पति बनना है, तो इन 9 आदतों से तुरंत पा लें छुटकारा
Stock Market Mistakes: निवेशक को अपने पूर्वाग्रहों को दूर कर तार्किक फैसले लेने चाहिए

Stock Market Mistakes: शेयर बाजार से अगर आपको करोड़पति बनना है या अच्छा खासा पैसा कमाना है तो आपको कुछ आदतें तुरंत छोड़ देनी चाहिए। आज बहुत सारे लोगों स्टॉक मार्केट में अपनी ही गलती के चलते पैसा खो रहे हैं। अमेरिका के एक दिग्गज निवेशक बेंजामिन ग्राहम ने बहुत पहले ही समस्या को पहचान लिया था। बेंजामिन ग्राहम ने कहा था कि किसी भी निवेशक का सबसे बड़ा दुश्मन खुद उसका व्यक्तित्व हो सकता है। मार्केट एक्सपर्ट्स को अब यह बात ज्यादा अच्छे से समझ में आ रही है। बेंजामिन ग्राहम मानते थे इंसान काफी भावुक या इमोशनल जीव है। इसलिए उसके फैसला हमेशा तार्किक नहीं होते हैं, बल्कि इसमें कई सारे पूर्वाग्रह शामिल होते हैं और इसीलिए उसे अपने फैसलों से नुकसान उठाना पड़ता है। शेयर बाजार में सफल होने के लिए जरूरी हैं, आप इन आदतों को जानें और जल्द से जल्द इन्हें बदलने की कोशिश करें। इस आर्टिकल में हम ऐसी ही 9 आदतों को बता रहे हैं, जिसे हर निवेशक को तुरंत छोड़ देना चाहिए

1. भावनाओं में आकर फैसला न करें

भावनाओं में लिए फैसलों के नतीजे अक्सर अच्छे नहीं होते हैं। इससे बचने का तरीका है कि आप कोई भी फैसला करने से पहले उसे लेकर पूरी छान-बीन करें, रिसर्च करें और अपने उस रिसर्च पर भरोसा करें। निवेश को लेकर एक स्टेप-बाय-स्टेप रणनीति बनाए। इससे भावनाओं में बहने का चॉन्स कम होगा और आपको तार्किक यानी लॉजिकल फैसले लेने में मदद मिलेगी।

भावनाओं के आधार पर फैसले लेने से कितना नुकसान हो सकता है, उसका एक सबसे अच्छा उदाहरण 2008 का वित्तीय संकट है। इस वित्तीय संकट को लेकर एक केस स्टडी हुई थी, उसमें एनालिस्ट सालों से वास्तविकता को इग्नोर कर रहे थे। अमेरिकी कंपनियों की असल कमाई और उनके कमाई के अनुमान में काफी काफी अंतर था। जब वहां मंदी आई और उसने सभी सेक्टर्स को अपने जद में लेना शुरू किया, तब ये एनालिस्ट्स जागे थे और उन्होंने कमाई का अनुमान घटाया।

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