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इंडिया में सिर्फ 13 फीसदी लोगों के पास पर्याप्त इंश्योरेंस कवर, NIA सर्वे के नतीजे

NIA के सर्वे के नतीजों से पता चला है कि हर 100 व्यक्ति में सिर्फ 13 के पास पर्याप्त इंश्योरेंस कवर है। बाकी 87 फीसदी लोगों के पास या तो कोई इंश्योरेंस नहीं है या उनका इंश्योरेंस कवर पर्याप्त नहीं है। एनआईए ने कहा है कि इंश्योरेंस तक लोगों की पहुंच जल्द बनाने की जरूरत है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 16, 2023 पर 6:05 PM
इंडिया में सिर्फ 13 फीसदी लोगों के पास पर्याप्त इंश्योरेंस कवर, NIA सर्वे के नतीजे
लोगों के पास पर्याप्त इंश्योरेंस कवर नहीं होने की एक बड़ी वजह बीमा को लेकर लोगों की गलत सोच हो सकती है। इंडिया में इंश्योरेंस को लोग सुरक्षा की जगह सेविंग्स का इंस्ट्रूमेंट मानते रहे हैं।

आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी इंश्योरेंस (Insurance) के मामले में स्थिति बहुत खराब है। नेशनल इंश्योरेंस एकैडमी (NIA) के एक सर्वे से इसका पता चला है। सर्वे के नतीजे बताते हैं कि ऐसे लोगों की संख्या काफी ज्यादा है, जिनका इंश्योरेंस कवर पर्याप्त नहीं है या किसी तरह का इंश्योरेंस नहीं है। NIA ने सर्वे के नतीजे 14 दिसंबर को जारी किए हैं। नतीजों से पता चला है कि हर 100 व्यक्ति में सिर्फ 13 के पास पर्याप्त इंश्योरेंस कवर है। बाकी 87 फीसदी लोगों के पास या तो कोई इंश्योरेंस नहीं है या उनका इंश्योरेंस कवर पर्याप्त नहीं है। एनआईए ने कहा है कि इंश्योरेंस तक लोगों की पहुंच जल्द बनाने की जरूरत है। प्रीमियम पेमेंट के लिए लोगों को लोन दिया जा सकता है। इससे कम आय वाले लोगों को इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराने में मदद मिल सकती है।

कम इंश्योरेंस कवर की वजह लोगों की गलत सोच

सर्वे में बताया गया है कि इंडिया में लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री बढ़ रही है। साल 2030 तक इस इंडस्ट्री का सालाना कलेक्टेड प्रीमियम 106 अरब डॉलर पहुंच जाने की उम्मीद है। लोगों के पास पर्याप्त इंश्योरेंस कवर नहीं होने की एक बड़ी वजह बीमा को लेकर लोगों की गलत सोच हो सकती है। इंडिया में इंश्योरेंस को लोग सुरक्षा की जगह सेविंग्स का इंस्ट्रूमेंट मानते रहे हैं। एनआईए के डायरेक्टर डॉ तरुण अग्रवाल ने कहा कि कई लोग इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स खरीदते वक्त इस बात पर ज्यादा फोकस करते हैं कि उन्हें चुकाए गए प्रीमियम का कितना हिस्सा वापस मिल जाएगा।

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