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Indian Railway: टिकट बुक करते समय सिर्फ 35 पैसे करें खर्च, मिलेगा 10 लाख का फायदा

Indian Railway: ट्रेन का टिकट निकालते समय IRCTC की साइट पर ट्रैवल इंश्योरेंस का विकल्प मिलता है। यह विकल्प अभी तक वैकल्पिक होता था, लेकिन अब इसे जरूरी कर दिया गया है। अब आपको यात्रा करते समय इंश्योरेंस लेना होगा। अब इसे अपनी मर्जी से इस विकल्प को नहीं हटा सकते हैं। ऐसे में अब टिकट बुक करते ही बीमा की सुरक्षा मिल जाएगी

Edited By: Jitendra Singhअपडेटेड Jul 18, 2023 पर 4:53 PM
Indian Railway: टिकट बुक करते समय सिर्फ 35 पैसे करें खर्च, मिलेगा 10 लाख का फायदा
Indian Railway: अभी तक पर्सनल एक्‍सीडेंट इंश्‍योरेंस कवर की यह सुविधा ऑप्‍शनल होती थी

Indian Railway: ओडिशा के बालासोर में शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express) ट्रेन और बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (Bangalore Howrah Superfast Express) दुर्घटनाग्रस्त हो गई। एक साथ दो यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी से टक्कर हो गई। ओडिशा में हुए इस भीषण हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई, 900 से अधकि लोग घायल हो गए। इस हादसे से सबक लेते हुए इंडियन रेलवे (Indian Railway) ने अपने यात्रियों के लिए एक नई सुविधा शुरू की है। नई व्‍यवस्‍था के तहत अब टिकट बुक करते ही यात्रियों को बीमा की सुरक्षा मिल जाएगी। इसमें खर्च भी बहुत कम आएगा।

दरअसल, ट्रेनों में टिकट बुकिंग से पहले ट्रैवल इंश्योरेंस का विकल्प मिलता है। यात्री सिर्फ 35 पैसे चुकाकर 10 लाख की बीमा सुरक्षा का फायदा उठा सकते हैं। अभी तक यह व्यवस्था ऑप्शनल थी। लेकिन रेलवे ने इसे जरूरी कर दिया है। यानी IRCTC से टिकट बुक करते ही इंश्योरेंस कवर मिल जाएगा।

35 पैसे में 10 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर

इस सुविधा के तहत रेलवे किसी हादसे की स्थिति में 10 लाख रुपये तक इंश्योरेंस कवर मुहैया कराता है। इसका खर्चा भी महज 35 पैसे होता है। अभी तक यह पर्सनल एक्‍सीडेंट इंश्‍योरेंस कवर की सुविधा ऑप्‍शनल होती थी। यात्री अपनी मर्जी के मुताबिक, इसे सेलेक्ट करते थे। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों के हितों को देखते हुए अब इस सुविधा को ऑटोमेटिक कर दिया गया है। अब टिकट बुकिंग के समय इसका चुनाव करने की जरूरत नहीं होगी। टिकट के साथ ही यह सुविधा अपने आप यात्री को मिल जाएगी। बता दें कि दरअसल, बालासोर हादसे का शिकार बने ज्‍यादातर यात्रियों ने इस सुविधा का ऑप्‍शन नहीं चुना था। लिहाजा वो एक बड़ा कवर पाने से चूक गए। ऐसे में रेलवे ने अब इस सुविधा को ऑटोमेटिक कर दिया है।

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