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ELSS में निवेश से मिलेगा छप्परफाड़ रिटर्न, इन 4 टिप्स का आपको रखना होगा ध्यान

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी के तहत म्यूचुअल फंड की टैक्स-सेविंग्स स्कीम भी आती है। इसका रिटर्न टैक्स-सेविंग्स के दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स के मुकाबले काफी ज्यााद है। इसमें निवेश करने पर लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार हो सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 28, 2024 पर 4:21 PM
ELSS में निवेश से मिलेगा छप्परफाड़ रिटर्न, इन 4 टिप्स का आपको रखना होगा ध्यान
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एकमुश्त की जगह सिप के जरिए ईएलएसएस में निवेश करना फायदेमंद है।

टैक्स-सेविंग्स वाले इनवेस्टमेंट में म्यूचुअल फंड्स की टैक्स-सेविंग्स यानी ELSS सबसे लोकप्रिय है। यह डायवर्सिफायड इक्विटी स्कीम है, जो कई सेक्टर और छोटी-बड़ी मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करती है। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी के तहत करीब एक दर्जन टैक्स-सेविंग्स इंस्ट्रूमेंट्स आते हैं। ईएलएसएस इनमें से एक है। ईएलएसएस में एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स-बेनेफिट क्लेम किया जा सकता है। करीब सभी म्यूचुअल फंड हाउसेज की अपनी-अपनी ईएलएसएस स्कीम है। मनीकंट्रोल आपको कुछ ऐसे टिप्स के बारे में बता रहा है, जिनका ध्यान रखने पर ईएलएसएस का मैक्सिमम फायदा आप उठा सकते हैं।

दो से ज्यादा ईएलएसएस में नहीं करें निवेश

कई टैक्सपेयर्स एक से ज्यादा ईएलएसएस में निवेश करते हैं। जो इनवेस्टर सिप की एक जगह एकमुश्त निवेश ईएलएसएस में करते हैं, वे हर साल अलग-अलग स्कीम में निवेश करते हैं। इससे उनके पोर्टफोलियो में कई ईएलएसएस हो जाती हैं। मनी हनी फाइनेंशियल सर्विसेज के फाउंडर और एमडी अनूप भैया ने बताया, "मैंने कुछ टैक्सपेयर्स के पोर्टफोलियो में ईएलएसएस की 7-8 स्कीमें तक देखी है। इन स्कीमों का निवेश ज्यादातर एक जैसा होता है।" उन्होंने कहा कि टैक्सपेयर को एक या ज्यादा से ज्यादा दो ईएलएसएस में निवेश करना चाहिए।

एकमुश्त निवेश के मुकाबले सिप ज्यादा फायदेमंद

कई टैक्सपेयर्स जनवरी से मार्च के बीच ईएलएसएस में एकमुश्त निवेश करते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एकमुश्त की जगह सिप के जरिए ईएलएसएस में निवेश करना फायदेमंद है। मुंबई की फाइनेंशियल प्लैनर पारुल माहेश्वरी ने कहा कि वित्त वर्ष की शुरुआत यानी अप्रैल में आपको सिप शुरू करन चाहिए। फिर हर महीने इसमें निवेश करना चाहिए। इससे धीर-धीरे आपका पैसा निवेश होता रहता है। एकमुश्त निवेश के मुकाबले सिप के जरिए निवेश करना रिटर्न के लिहाज से फायदेमंद है।

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