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PM Kisan Yojana: 14वीं किश्त के पहले कृषि मंत्री ने दिया यह बयान, किसानों की बढ़ जाएगी कमाई

PM Kisan Yojana: देश के करोड़ों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का फायदा मिल रहा है। 14वीं किश्त जल्द ही किसानों के अकाउंट में आने वाली है। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि किसान बागवानी के क्षेत्र में मोटी कमाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश का बागवानी उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। यह खाद्यान्न उत्पादन से भी ज्यादा है

Jitendra Singhअपडेटेड Jun 22, 2023 पर 2:39 PM
PM Kisan Yojana: 14वीं किश्त के पहले कृषि मंत्री ने दिया यह बयान, किसानों की बढ़ जाएगी कमाई
PM Kisan Yojana: किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सालाना 6000 रुपये मुहैया कराए जाते हैं

PM Kisan Yojana: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) की 13वीं किश्त किसानों के अकाउंट में आ चुकी है। अब देश के करोड़ों किसान 14वीं किश्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह इंताजर भी जल्द ही खत्म होने वाला है। कहा जा रहा है कि जून के आखिरी हफ्ते में किसानों के अकाउंट में 14वीं किश्त के पैसे भेजे जा सकते हैं। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानो के लिए बागवानी से जुड़े मामले में खुशखबरी दी है।

बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत पात्र किसानों को सालाना 6,000 रुपये मुहैया कराए जाते हैं। सरकार की ओर से ये पैसे किश्तों में जारी किए जाते हैं। हर एक किश्त में 2,000 रुपये मिलते हैं। साल में कुल 3 किश्तों में पैसे दिए जाते हैं। देश के किसानों को अब तक 13 किश्तों में फायदा मिल चुका है।

बागवानी का बढ़ा दायरा – केंद्रीय कृषि मंत्री

कृषि मंत्री तोमर ने कहा है कि बागवानी से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। यह क्षेत्र धीरे-धीरे बीज व्यापार, मूल्यवर्धन और निर्यात से जुड़ा एक संगठित उद्योग बन रहा है। इसका सीधा फायदा देश के किसानों को मिलेगा। दरअसल, कुछ समय पहले राष्ट्रीय बागवानी मेले का 'ऑनलाइन' उद्घाटन करते हुए तोमर ने कहा था कि बागवानी क्षेत्र से किसानों की कमाई दोगुनी हो सकती है। उन्होंने कहा कि देश में बागवानी के दायरे में इजाफा हुआ है। बागवानी उत्पादन वर्ष 1950-51 के 2.5 करोड़ टन से 13 गुना बढ़कर वर्ष 2020-21 के दौरान 33.1 करोड़ टन हो गया है। यह खाद्यान्न उत्पादन से भी कहीं अधिक है।

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