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PM Jan Dhan Yojana: 10 करोड़ जनधन अकाउंट हो गए डीएक्टिवेट, 12000 करोड़ रुपये जमा, लेने वाला कोई नहीं

PM Jan Dhan Yojana: केंद्र सरकार ने आम लोगों को बैंक से जोड़ने के लिए जन धन योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना ने हर व्यक्ति को फाइनेंशियल सिस्टम से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। अब तक 51 करोड़ बैंक अकाउंट खोले जा चुके हैं। जिसमें से 10 करोड़ बैंक अकाउंट बंद हो चुके हैं। इनमें हजारों करोड़ रुपये जमा है। जिसको लेने वाला कोई नहीं है

Edited By: Jitendra Singhअपडेटेड Dec 27, 2023 पर 3:58 PM
PM Jan Dhan Yojana: 10 करोड़ जनधन अकाउंट हो गए डीएक्टिवेट, 12000 करोड़ रुपये जमा, लेने वाला कोई नहीं
PM Jan Dhan Yojana: 10 करोड़ जो अकाउंट बंद हो चुके हैं। उनमें 4.93 करोड़ अकाउंट महिलाओं के हैं।

PM Jan Dhan Yojana: भारत सरकार की जनधन योजना (Jan Dhan Yojana) गरीबों के लिए अहम योजना साबित हुई है। इस योजना के जरिए गांव के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोग फाइनेंशियल सिस्टम से जुड़ गए। इस योजना ने गरीबों को सरकारी योजना में फायदा दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। जन धन खातों ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम की सफलता में बड़ा योगदान दिया था। अब वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी है कि देश में करीब 51 करोड़ जन धन अकाउंट खोले जा चुके हैं। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें से लगभग 20 फीसदी यानी 10 करोड़ से भी ज्यादा अकाउंट बंद हो चुके हैं।

इन बंद हुए अकाउंट में लगभग 12,779 करोड़ रुपये जमा हैं। इस रकम पर दावेदारी ठोकने वाला कोई नहीं है। इन बंद हुए अकाउंट में 4.93 करोड़ अकाउंट महिलाओं के हैं। बैंकों से मिले आंकड़ों के मुताबिक, देश में लगभग 51.11 करोड़ पीएम जन धन खाते हैं। पिछले दिनों वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड (Bhagwat Karad) ने राज्‍यसभा में पीएम जनधन योजना (PM Jandhan Yojana) के तहत एक सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी थी।

बैंक अकाउंट क्यों हुए डीएक्टिवेट

राज्य मंत्री का कहना है कि अकाउंट के डीएक्टिवेट होने के कई कारण हैं। इसका बैंक अकाउंट होल्‍डर्स (Bank Account Holders) से कोई सीधा संबंध नहीं है। कई महीने से अकाउंट से ट्रांजेक्‍शन (Bank Account Transaction) नहीं करने के कारण भी यह खाता बंद हो चुके होंगे। भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank Of India) के दिशानिर्देशों के अनुसार, अगर बैंक खाते में दो साल से अधिक समय तक कोई ग्राहक लेनदेन नहीं करता है तो बचत और चालू खाते को निष्क्रिय माना जाता है। कराड ने कहा कि बैंक निष्क्रिय खातों के प्रतिशत को कम करने के लिए ठोस प्रयास कर रहे हैं। सरकार की ओर से नियमित रूप से निगरानी की जा रही है।

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