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Business Idea: बंजर जमीन भी सोना उगलेगी, करें बांस की खेती, फौरन हो जाएंगे मालामाल

Business Idea: बांस की खेती के लिए सरकार से सब्सिडी मिलती है। कागज बनाने के अलावा इसका इस्तेमाल कार्बनिक कपड़े बनाने में किया जाता है। बांस को ग्रीन गोल्ड कहा जाता है। इसकी फसल से कई साल तक मोटी कमाई कर सकते हैं। भारत सरकार ने देश में बांस की खेती (Bamboo Farming) को बढ़ावा देने के लिए साल 2006-2007 में राष्ट्रीय बांस मिशन शुरू किया था

Jitendra Singhअपडेटेड Feb 29, 2024 पर 6:02 AM
Business Idea: बंजर जमीन भी सोना उगलेगी, करें बांस की खेती, फौरन हो जाएंगे मालामाल
Business Idea: बांस की खेती 40 साल तक चलती रहती है। इसकी ज्यादा निगरानी की जरूरत नहीं पड़ती है।

Business Idea: अगर आप किसी बिजनेस की तलाश में हैं तो हम आपको एक बेहतर बिजनेस आइडिया दे रहे हैं। आज भी देश की बड़ी आबादी का एक बड़ा हिस्सा खेती-किसानी के जरिए अपना पेट पालती है। इसे लेकर आम धारणा बन गई है कि खेती किसानी में मुनाफा नहीं है। हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अगर आप कम मेहनत में खेती के जरिए मोटी कमाई करना चाहते हैं तो बांस की खेती (Bamboo farming) कर सकते हैं। इसकी खेती के लिए सरकार से सब्सिडी भी मिलती है। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार बांस की खेती के लिए 50 फीसदी तक सब्सिडी मुहैया करा रही है। इसे ग्रीन गोल्ड यानी हरा सोना भी कहा जाता है।

देश में बहुत कम लोग हैं जो बांस की खेती करते हैं। बांस की डिमांड दिनों दिन बढ़ती जा रही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि बांस की खेती अन्य फसलों के मुकाबले बेहद सुरक्षित मानी जाती है। इसके साथ ही इससे काफी अच्छी कमाई भी की जा सकती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि किसी भी मौसम में खराब नहीं होती है। बांस की फसल को एक बार लगाकर कई साल तक इससे मुनाफा कमा सकते हैं।

बांस की खेती कैसे करें?

किसी भी नर्सरी से बांस के पौधे खरीदकर लगा सकते हैं। इसकी खेती के लिए जमीन तैयार करने की जरूरत नहीं होती है। इस बात का ध्यान रखना है कि मिट्टी बहुत अधिक रेतीली नहीं होनी चाहि। 2 फीट गहरा और 2 फीट चौड़ा गड्ढा खोदकर बांस की रोपाई की जा सकती है। इसके बाद गोबर की खाद डाल सकते हैं। रोपाई के तुरंत बाद पौधे को पानी दें और एक महीने तक रोजाना पानी देते रहें। 6 महीने के बाद एक हफ्ते में पानी दें। एक हेक्टेयर जमीन में बांस के 625 पौधे लगाए जा सकते हैं। बांस की खेती में खर्च कम और मेहनत कम है। इसे बंजर जमीन में भी लगा सकते हैं।

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