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ना कोई पासवर्ड ना ही कोई पिन, कैसे वरिष्ठ नागरिकों के लिए आसान की जा सकती है बैंकिंग

बैंकिंग के डिजिटलाइजेशन के बाद से वरिष्ठ नागरिकों के लिए समस्याएं बढ़ गई हैं। वो लगातार ऑनलाइन स्कैम और फ्रॉड्स का तेजी से शिकार हो रहे हैं। ऐसे में बैंकों को ये सुनिश्चित करना होगा कि अपने सबसे उम्रदराज नागरिकों की सहूलियत का वो पूरा ध्यान रखें। डिजिटल पेमेंट्स से बैंकिंग के वर्चुअल इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए बैंकों को करने चाहिए बस ये काम -

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 07, 2024 पर 3:14 PM
ना कोई पासवर्ड ना ही कोई पिन, कैसे वरिष्ठ नागरिकों के लिए आसान की जा सकती है बैंकिंग
बैंक अपने सबसे उम्रदराज नागरिकों की लाइफ को बना सकते हैं आसान

सीनियर सिटीजन्स के साथ होने वाले ऑनलाइन फ्रॉड्स की संख्या 2021-22 में 9,097 थी, जो 2022-23 में बढ़कर 13,530 हो गई। RBI की सालाना रिपोर्ट FY23 में ये चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। वैसे तो बैंक से जुड़े फ्रॉड्स का शिकार आए दिन कोई ना कोई होता ही रहता है लेकिन इसमें सबसे बड़ा नंबर सीनियर सिटीजन्स का है। समय के साथ ये आंकड़ा और तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है।

United Nations Population Fund (UNFPA) और International Institute for Population Sciences (IIPS) द्वारा मिलकर रिलीज की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2022 में 60 साल से अधिक लोगों की संख्या 149 मिलियन थी। 2050 में ये आंकड़ा बढ़कर 347 मिलियन तक पहुंच जाएगा। युवा हमेशा से ही बैंकों के लिए आकर्षक कस्टमर रहे हैं। इन लोगों तक डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेस पहुंचाना भी बेहद आसान है, लेकिन बैंकों के लिए सीनियर कस्टमर्स भी उतने ही जरूरी हैं।

एक वक्त था जब बैंक अपनी फिजिकल एक्सेस को बढ़ाने में लगे हुए थे। वरिष्ठ नागरिकों की सहूलियत के लिए डॉरस्टेप बैंकिंग को आसान बनाया गया। हालांकि डिजिटल युग में बैंकों को अभी भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर जब बात आती है सीनियर लोगों की तो उन तक ये सेवाएं पहुंचाना उतना ही मुश्किल है। डिजिटल युग के बाद वेब चैनल, मोबाइल ऐप्स, पेमेंट कार्ड्स और वॉलेट में बढ़ोतरी हुई है लेकिन इस एडवांसमेंट के साथ वरिष्ठ नागरिकों तक अभी भी इन सेवाओं की पहुंच नहीं बन पाई है।

सीनियर सिटीजन्स के ई-बैंकिंग चैलेंजेस को देखना

सीनियर सिटीजन्स की देशभर में काफी अनोखी फाइनेंशियल डिमांड्स हैं। वो डिजिटल बैंकिंग पर अभी भी भरोसा नहीं करते हैं। जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है उन्हें शारीरिक विकलांगता और आंखों की कम रोशनी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है।

सीनियर सिटीजन काफी भरोसे से भरे एन्वायरमेंट में पले-बढ़े हैं। ऐसे में वो ऑनलाइन फ्रॉड्स का जल्दी शिकार बनते हैं। बैंक एंप्लॉयी, गवर्नमेंट एजेंट्स बनकर स्कैमर इन लोगों को टारगेट करते हैं। इनसे सेंसिटिव इंफॉर्मेशन बाहर निकलवाकर इनके साथ धोखाधड़ी जैसे कामों को अंजाम दिया जाता है।

क्या बैंक उम्रदराज लोगों की समस्याओं को कर सकते हैं आसान-

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