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यूनियन बजट 2023 में निर्मला सीतारमण के ऐलान से इनवेस्टर्स को फायदा या नुकसान?

यूनियन बजट 2023 में कई ऐसे ऐलान हैं, जिनसे इनवेस्टर्स को टैक्स के मामले में मिल रही छूट खत्म हो जाएगी या घट जाएगी। इनमें रियल एस्टेट में कैपिटल गेंस टैक्स के नियम में बदलाव से लेकर लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर टैक्स छूट के नियम में बदलाव शामिल हैं

Abhishek Anejaअपडेटेड Feb 20, 2023 पर 12:56 PM
यूनियन बजट 2023 में निर्मला सीतारमण के ऐलान से इनवेस्टर्स को फायदा या नुकसान?
यूनियन बजट 2023 में ऐसे कई ऐलान हैं, जिनके लागू होने पर इनवेस्टर्स पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण खत्म करने के ठीक बाद कई एनालिस्ट्स और प्रोफेशनल्स ने बजट 2023 का स्वागत किया। लेकिन, इस बजट के बाद इनवेस्टर्स को मिलने वाले कई फायदे खत्म हो जाएंगे। सरकार इनवेस्टर्स को टैक्स के मामले में मिलने वाले कई फायदों को बंद करने जा रही है। इससे इनवेस्टर्स की दिक्कत बढ़ने जा रही है।

1. डीमैट अकाउंट में रखे लिस्टेड डिबेंचर्स (कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट्स) पर टीडीएस लागू होगा

कई इनवेस्टर्स कंपनियों की तरफ से जारी लिस्टेड डिबेंचर्स (कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट्स) में इनवेस्ट करना पसंद करते हैं। इसकी वजह यह है कि आम तौर पर इन पर बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले ज्यादा इंटरेस्ट मिलता है। इनवेस्टर्स के पास इनमें फिजिकल मोड में इनवेस्ट करने का ऑप्शन होता है या वे अपने डीमैट अकाउंट में भी डिबेंचर्स मंगा सकते हैं। टैक्स के लिहाज से डीमैट अकाउंट में डिबेंचर्स रखने का एक फायदा यह है कि कंपनी की तरफ से इनवेस्टर्स को इंटरेस्ट के पेमेंट पर कोई TDS नहीं लगता है। हालांकि, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह पाया है कि कई इनवेस्टर्स इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त ऐसे डिबेंचर्स पर मिलने वाले इंटरेस्ट के बारे में नहीं बता रहे हैं। इसे ट्रैक करने के लिए 1 अप्रैल, 2023 से अगर फिक्स्ड डिपॉजिट फिजिकल मोड या डीमैट अकाउंट में रखा जाता है तो कंपनियों को उस पर TDS काटना होगा।

2. मार्केट लिंक्ड डिबेंचर्स (MLD) पर टैक्स का ज्यादा रेट लागू होगा

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