दिग्गज निवेशक वॉरेन बफेट (Warren Buffett) ने बर्कशायर हाथवे (Berkshire Hathaway) के शेयरहोल्डर्स को मार्केट की चाल और बर्कशायर की मौके को भुनाने की क्षमता के बारे में लिखा है। उन्होंने इस सालाना लेटर में अपने लंबे समय से सहयोगी रहे और मित्र चार्ली मंगर (Charlie Munger) को भी याद किया। चार्ली मंगर की पिछले साल नवंबर में मृत्यु हो गई थी। चार्ली मंगर का 99 साल की उम्र में निधन हुआ था और अगले जन्मदिन में महज 33 दिन रह गए थे। इस सालाना लेटर में उन्होंने मार्केट की चाल, अपनी नेटवर्थ में शेयरों के दबदबे और तेल सेक्टर में निवेश को लेकर जिक्र किया।
82 साल से नेटवर्थ में शेयरों का पलड़ा भारी
वॉरेन बफेट ने पहली बार 11 मार्च 1942 को कोई शेयर खरीदा था और उनका कहना है कि तब से लेकर आज तक उनकी याद में कोई ऐसा दिन नहीं रहा, जब उनकी नेटवर्थ में अधिकतर हिस्सेदारी शेयरों की न रही हो। तब से लेकर अब तक मार्केट इंडेक्स में बहुत फर्क आ चुका है। जिस दिन उन्होंने निवेश शुरू किया था, उस दिन डाऊ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 100 के नीचे गिर गया था और स्कूल की छुट्टी होने तक 5 डॉलर का घाटा हो गया था। हालांकि फिर चीजें सुधरीं और अब यह इंडेक्स 38 हजार के आस-पास है। वॉरेन बफेट की सलाह है कि निवेशकों के लिए अमेरिका बहुत शानदार देश रहा है लेकिन जरूरत है चुपचाप बैठने की और किसी की भी न सुनने की।
वॉरेन बफेट का कहना है कि बर्कशायर का लक्ष्य एकदम सिंपल है। इसकी कोशिश मौलिक और स्थायी कारोबार को पूरा या कुछ हिस्से की हिस्सेदारी लेना है। पूंजीवाद में कुछ कारोबार लंबे समय तक फलते-फूलते रहेंगे जबकि कुछ डूब जाएंगे। वॉरेन बफेट के मुताबिक यह पता लगाना बहुत मुश्किल है कि कौन जीतेगा, कौन हारेगा।
मार्केट की चाल का कोई नहीं लगा सकता अनुमान
वॉरेन बफेट के मुताबिक मार्केट की चाल का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। अगर ऐसा लगता है कि अमेरिकी निवेशक अब पहले की तुलना में अधिक स्थिर है तो सितंबर 2008 की सोचें जब कम्युनिकेशन स्पीड और तकनीकी के चलते दुनिया भर में मार्केट ढह गया था। वॉरेन बफेट का कहना है कि इस तरह की चीजें हमेशा नहीं होती हैं लेकिन होंगी। वॉरेन बफेट का कहना है कि इस प्रकार से मार्केट में कभी भी भारी उतार-चढ़ाव होता है तो बर्कशायर इसका फटाफट तगड़ा फायदा उठा सकती है। उनका कहना है कि अमेरिका में सिर्फ कुछ ही कंपनियां हैं, जो वास्तव में बर्कशायर को आगे बढ़ाने में सक्षम हैं।
तेल निवेश पर Warren Buffett का ये है कहना
बर्कशायर की ओक्सीडेंटल पेट्रोलियम में 27.8 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके पास वारंट्स भी हैं जिससे बर्कशायर के पास फिक्स्ड प्राइस में इस तेल कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाने का भी मौका है। हालांकि वॉरेन बफेट का कहना है कि बर्कशायर की इस कंपनी को खरीदने या मैनेज करने में दिलचस्पी नहीं हैं। उनका कहना है कि अमेरिकी में इसकी तेल और गैस पर जो पकड़ है, इसके अलावा कॉर्बन-कैप्चर इनीशिएटिव्स में जो लीडिंग पोजिशन है, वह बेहतर है लेकिन इस तकनीक में इसकी इकनॉमिक फीजिबिलिटी को साबित होना बाकी है।
Charlie Munger को लेकर क्या कहा
वॉरेन बफेट का कहना है कि चार्ली मंगर ने बर्कशायर को खरीदने के फैसले को मूर्खतापूर्ण बताया। हालांकि खरीदारी हो चुकी थी तो उन्होंने इस गलती को सुधारने को लेकर आश्वस्त किया। 1965 में चार्ली ने वॉरेन को सलाह दी कि बर्कशायर जैसी किसी और कंपनी को खरीदने का विचार छोड़ दो। इसकी बजाय बर्कशायर में ही बढ़िया भाव पर शानदार बिजनेस जोड़े जाएं। एक तरह से वॉरेन बफेट ने सालाना लेटर में इसका जिक्र किया कि उन्होंने चार्ली मंगर के निर्देशों का पालन किया। उन्होंने इसमें लिखा है, "एक तरह से मेरे साथ उनका रिश्ता कुछ हद तक बड़े भाई, कुछ हद तक पिता का था। यहां तक कि जब उन्हें पता था कि वह सही हैं, तब भी उन्होंने मुझे बागडोर सौंपी, और जब मैंने गलती की तो उन्होंने मुझे कभी भी मेरी गलती की याद नहीं दिलाई।"