चीन के शेयर मार्केट रेगुलेटर ने कहा है कि वह मार्केट पार्टिसिपेंट्स के सभी सुझावों, यहां तक कि उनके आलोचनाओं पर भी ध्यान देगा और उसे जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश करेगा। आलोचनाओं को लेक चीन का ऐसा नरम रुख जल्द देखने को नहीं मिलती है। ऐसा लगता है देश के करीब 8.6 अरब डॉलर के स्टॉक मार्केट में कोई बड़ी गिरावट आने से बचाने के लिए मार्केट रेगुलेटर ने यह कदम उठाया है। चाइना सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमीशन के नए चेयरमैन वू किंग ने कहा कि आयोग सभी पक्षों की राय, सुझावों और आलोचना को गंभीरता से लेगा और उन्हें हल करने के लिए तुरंत व्यवहारिक उपाय लागू करेगा। पिछले दो दिनों में सूचीबद्ध कंपनियां और विदेशी संस्थान।
चाइना सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमीशन ने इससे पहले 2 दिनों तक देशभर में रिटेल और इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स, लिस्टेड कंपनियों और विदेशी संस्थाओं के साथ सेमिनार आयोजित किए थे और उनके राय जानना चाहा था।
CSRC ने बयान में कहा, "कैपिटल मार्केट का इकोनॉमी पर व्यापक असर होता है, और स्थिति जितनी अधिक जटिल और गंभीर होगी, हमें सलाह पर ध्यान देने और ज्ञान एकत्र करने के लिए उतना ही अधिक खुला होना चाहिए।"
चीन की ओर यह नरमी करीब 3 सालों तक उसके स्टॉक मार्केट के घाटे में रहने के बाद आया है। ऐसे में उसके शीर्ष नेतृत्व की ओर से शेयर मार्केट में निवेशकों का भरोसा फिर से जगाने का दबाव है। चाइना सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमीशन का बयान इसी दबाव को दिखाता है।
चीन की इकोनॉमी में सुस्ती और हाउसिंग मार्केट में लंबे समय तक मंदी के कारण बाजार सेंटीमेंट कमजोर रहा है। चीन सरकार की ओर से लाई गई नीतियां अबतक इकोनॉमी में जान फूंकने में विफल रही हैं, जिससे करीब 5 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो चुका है।