किसानों ने दिल्ली मोर्चा के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जिन मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया गया था उन्हें तुरंत पूरा करने की मांग की गई है।
साल 2021-22 के किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमें दर्ज किए गए थे, उन्हें रद्द करने की मांग शामिल है।
इस बार के आंदोलन में केंद्र सरकार से किसानों की मांग है कि पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवार को मुआवजा तथा एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की गई है।
किसान नेता चाहते हैं कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को केंद्र सरकार न्याय दे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें।
दिल्ली कूच करने वाले किसानों नेताओं की इस बार सरकार से मांग है कि वह सभी किसानों का सरकारी और गैर सरकारी कर्ज माफ करें।
60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन देने की मांग भी शामिल है।
कृषि व दुग्ध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाने की मांग की गई है।
किसान नेता किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग भी कर रहे हैं।
केंद्र सरकार से किसान कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार करने की मांग कर रहे हैं।