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Cheetah Reintroduction Project: तस्वीरों से जानें, दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले जानवर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

Cheetah Reintroduction Project: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendr Modi) 17 सितंबर को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में चीता रिइंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट की शुरुआत करेंगे। आइए यहां विस्तार से जानते हैं, दुनिया के इस सबसे तेज जानवर के बारे में कुछ रोचक तथ्य

MoneyControl News
अपडेटेड Sep 16, 2022 पर 19:08
Cheetah Reintroduction Project: तस्वीरों से जानें, दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले जानवर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

1952 में देश में बिल्ली के विलुप्त होने की घोषणा के बाद, भारत फिर से दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले जानवर का घर होगा। पांच मादा और तीन नर चीते 17 सितंबर को कुनो-पालपुर नेशनल पार्क में पहुंचेंगे।

कैद में भी चीता 20 साल तक जिंदा रह सकते हैं और जंगल में वे 14 साल तक जिंदा रह सकते हैं। चीतों का वजन औसतन 77 से 143 पाउंड के बीच होता है।

चीते बहुत तेज दौड़ते हैं और तीन सेकंड में 64 मील प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकते हैं। उनकी यही कला उन्हें दुनिया में धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाला जानवार बनाती है। हालांकि, वे उस रफ्तार को लगभग 30 सेकंड तक ही बनाए रख सकते हैं।

चीतों के शरीर की बनावट एकदम युनिक होती है, ताकि उन्हें इस टॉप स्पीड तक पहुंचने में मदद मिल सके। उनके शरीर के अंग और रीढ़ उन्हें लंबी छलांग लगाने में मदद करते हैं।

इस बात पर कुछ बहस है कि क्या चीता "बिग कैट" है। कुछ वैज्ञानिकों का तर्क है कि 'बिग कैट' शब्द केवल उन बिल्लियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जो दहाड़ते हैं, जैसे शेर, बाघ, जगुआर और तेंदुए।

शेर, लकड़बग्घा और तेंदुए जैसे दूसरे शक्तिशाली शिकारियों से मुकाबले से बचने के लिए चीता दिन में शिकार करता है।

चीता ज्यादातर तीन सामाजिक समूहों में रहते हैं, मादा और उनके शावक, नर गठबंधन और एकांत नर। जबकि मादाएं बड़े घरेलू इलाकों में शिकार की तलाश में खानाबदोश जीवन जीती हैं। नर ज्यादा गतिहीन होते हैं और इसके बजाय बहुतायत शिकार और मादाओं तक पहुंच वाले इलाकों में बहुत छोटे इलाके बनाते हैं।

चीता और तेंदुआ को लेकर काफी असमंजस बना रहता है। क्योंकि दोनों के शरीर पर एक जैसे काले धब्बे होते हैं। यहां बताया गया है कि उनके बीच अंतर कैसे करें।

चीतों पर दुनिया की बिग कैट्स में सबसे ज्यादा लुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है।

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First Published: Sep 16, 2022 7:08 PM

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