1 फरवरी 2023 को निर्मला सीतारमण हाथ में एक लाल रंग के कपड़े का बहीखाता लिए हुए दिखाई दीं। पांचवें बजट को प्रेजेंट करने पहुंची केंद्रीय वित्त मंत्री ने इसी के साथ एक लाल रंग की साड़ी भी पहनी हुई थी।
वित्त मंत्री को 11 बजे होने वाली उनकी बजट की स्पीच से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ देखा गया।
2021 में पहली बार बजट की प्रेजेंटेशन में कागज का इस्तेमाल नहीं किया गया जबकि कोरोना काल के दौरान ही ब्रीफकेस की जगह बहीखाता आ चुका था।
2019 और 2020 में निर्मला सीतारमण बजट ब्रीफकेस की जगह बहीखाता लिए नजर आईं। ये एक औपनिवेशिकता यानी पुरानी ब्रिटिश परंपरा को खत्म करने के लिए किया गया।
बजट पेपर्स को एक ब्रीफकेस में ले जाने की परंपरा को ब्रिटिश ने भारत को सौंपा था। भारत का बजट ब्रीफकेस ग्लैडस्टोन बॉक्स की नकल में बना था जिसे पहले ब्रिटिश बजट के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
1860 में विलियम ई. ग्लैडस्टोन उस समय के ब्रिटिश बजट चीफ थे। उनके पास एक रेड कलर का सूटकेस था जिसपर क्वीन का खास मोनोग्राम बना हुआ था। ये मोनोग्राम सोने का था। बाद में ये सूटकेस Gladstone Box के रूप में काफी पॉपुलर हुआ।
ऑरिजनल ग्लैडस्टोन बॉक्स को हमेशा प्रभावी उम्मीदवार को पीढ़ी दर पीढ़ी सौंपा जाता रहा और आखिरकार साल 2010 में इसे रिटायर कर दिया गया।
भारत ने भी ब्रिटिश काल से चली आ रही इस परंपरा का पालन किया लेकिन भारतीय वित्त मंत्री हमेशा से ही अलग-अलग रंग के ब्रीफकेस बजट पेश करने के दौरान लाते रहे।
भारत के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी लेदर के एक पोर्टफोलियो में पहला बजट प्रेजेंट करने आए। ये स्वतंत्र भारत का पहला बजट था जिसे 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया।
1970-2019 के बीच भारत के वित्त मंत्री ने हमेशा ही एक हार्डबाउंड ब्रीफकेस उठाया। 1974 में वित्त मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने एक स्टील की लाइनिंग वाला सूटकेस बजट प्रेजेंट करने के लिए इस्तेमाल किया था। 2015 में अरुण जेटली को बजट प्रेजेंट करने के लिए एक टैन ब्रीफकेस का इस्तेमाल करते हुए देखा गया।