Budget Trivia 2023: अब जब केंद्रीय बजट 2023-24 (Union Budget 2023) की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, तो ऐसे में पिछले बजटों से जुड़े कुछ अनोखे तथ्यों को जानना भी काफी रोचक रहेगा आज हम आपको पिछले बजटों से जुड़े कुछ अनोखे तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आपको जानकारी होंगी। आइए जानते हैं इससे जुड़ा कुछ दिलचस्प इतिहास...
Budget Trivia 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 2019 में 'बही खाता (Bahi Khata)' में बजट लाने की सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ दिया था। वह एक लाल-मखमली कपड़े में ढके हुए बजट के दस्तावेज लेकर संसद पहुंचीं थीं, जिसे 'बही खाता' का नाम उन्होंने दिया। उसके ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक था। वित्त मंत्री के इस कदम ने ब्रीफकेस में बजट लाने की परम्परा को खत्म कर दिया गया था।
Budget Trivia 2023: आर के शनमुखम चेट्टी (RK Shanmukham Chetty) ने 26 नवंबर, 1947 को स्वतंत्र भारत का पहला बजट (First Budget of independent India) पेश किया था। चेट्टी ने 1947 से 1948 तक भारत के पहले वित्त मंत्री के रूप में काम किया था।
Budget Trivia 2023: आजादी के बाद से अब तक कुल 73 एनुअल बजट (Annual Budgets), 14 अंतरिम बजट (Interim Budgets) और चार स्पेशल या मिनी-बजट (Special Budgets or Mini-Budgets) पेश किए गए हैं।
Budget Trivia 2023: जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru), इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) और राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने बजट भी पेश किया।
Budget Trivia 2023: साल 2016 तक आम बजट (Union Budget) फरवरी के आखिरी दिन पेश किया जाता था। लेकिन अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने इसे 2017 में 1 फरवरी को पेश किया, जिसके बाद से यह परंपरा अभी भी जारी है।
Budget Trivia 2023: 2017 तक रेलवे और केंद्रीय बजट अलग-अलग दिन पेश किया जाता था। 92 साल तक अलग-अलग पेश किए जाने के बाद 2017 में रेल बजट को केंद्रीय बजट में मर्ज कर एक साथ पेश किया गया।
Budget Trivia 2023: 'हलवा सेरेमनी (Halwa Ceremony)' वित्त मंत्रालय द्वारा मनाया जाने वाला एक अवसर है, जो बजट प्रिंटिंग प्रक्रिया की शुरुआत का प्रतीक है। 'हलवा' (एक मीठा व्यंजन) एक पारंपरिक 'कढाई' (बड़ी कड़ाही) में तैयार किया जाता है और देश के लिए बजट बनाने की कवायद में शामिल पूरे कर्मचारियों को परोसा जाता है। बजट पेपरलेस होने के कारण पिछले साल 'हलवा सेरेमनी' नहीं हुआ था।