आज हम दो शेयरों की बात करेंगे। एक शेयर जो निवेशकों के लिए राहत लेकर आ रहा है तो दूसरा रुला रहे हैं। ये दो शेयर हैं पेटीएम और ज़ी एंटरटेनमेंट। एक तरफ जहां पेटीएम में 21 फरवरी यानि आज अपर सर्किट लगा तो दूसरी तरफ ज़ी एंटरटेनमेंट ने अपने निवेशकों को खूब रुलाया। आज हम जानेंगे कि आखिर पेटीएम को कहां से राहत मिली और ज़ी के लिए बुरी खबर क्या है।
आज जिस शेयर ने निवेशकों को परेशान किया वह Zee entertainment है। सेबी ने जैसे ही कंपनी पर एक सवाल उठाया निवेशकों का भरोसा शेयरों से उठ गया। दरअसल सेबी का आरोप है कि ZEE एंटरटेनमेंट के खातों में 2,000 करोड़ रुपए की हेराफेरी हुई है। इस खुलासे का असर आज कंपनी के शेयरों पर साफ नजर आया। बाजार खुलते ही जो बिकवाली शुरू हुई वो कारोबार के अंत भी नहीं रुक पाई। कारोबार के अंत में ZEE एंटरटेनमेंट के शेयर 14 फीसदी टूटकर 165.65 रुपए पर बंद हुए। इंट्राडे में एक समय ZEE एंटरटेनमेंट के शेयर 163.65 रुपए पर आ गए थे।
ZEE की बढ़ती जा रही है मुश्किल
पहले सोनी का साथ ZEE की मर्जर डील टूटी। फिर ये घोटाले का खुलासा। इससे पहले कि शेयर संभलता दोहरा झटका लग चुका है। इतना ही नहीं, कंपनी के खातों में 2000 करोड़ रुपए के घोटाला मामले में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने ZEE एंटरटेनमेंट के कुछ पूर्व डायरेक्टर्स को समन भी भेजा है।
इस मामले में अभी तक जितनी जानकारी निकलकर सामने आई है उसके मुताबिक, कंपनी के दो पूर्व इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स को समन भेजकर इस मामले में अपना बयान देने को कहा गया है। इन दोनों डायरेक्टर्स ने 2021 के आस-पास कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। वैसे ज़ी के प्रवक्ता ने इस बात से साफ इनकार किया है कि वो अकाउंटिंग में किसी गड़बड़ी के आरोपों से इनकार किया है।
सेबी बढ़ा सकता है जांच का दायरा
यह भी माना जा रहा है कि सेबी अपनी जांच का दायरा बढ़ा सकता है। और उन संस्थानों की भी जांच कर सकता है जिन्होंने पिछले कुछ साल में ZEE एंटरटेनमेंट के साथ कारोबार किया था। इसमें मुंबई की उन दो प्रमुख प्रोडक्शन हाउसों के रोल की भी जांच हो रही है जिनका इस्तेमाल पैसे निकालने के लिए किया गया था। सेबी जी और प्रमोटर्स के निजी कंपनियों के बीच के लेन-देन की भी जांच कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक सेबी ने इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स सहित कुछ पूर्व डायरेक्टर्स को भी पेश होने को कहा है। उन्हें उस समय के डॉक्यूमेंट्स भी लाने को कहा गया है, जब वे कंपनी के बोर्ड में थे। दरअसल सेबी ये जानना चाहता है कि इन डायरेक्टर्स को कंपनी के भीतर चल रहे घपले के बारे में कितनी जानकारी थी। जहां तक निवेशकों की बात है तो फिलहाल इस शेयर से दूर रहें और बॉटम फीशिंग ना करें।
Paytm की तेजी पर क्या भरोसा कर सकते हैं?
अब बात कर लेते हैं उस शेयर की जिसने निवेशकों को राहत दी है। RBI ने जब से पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर पाबंदी लगाने की डेडलाइन बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया है, तब से इसके शेयरों में तेजी जारी है। इसके साथ ही मैनेजमेंट के पॉजिटिव फीडबैक और ED को कोई गड़बड़ी ना मिलने से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। इन सबके साथ एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा), एक्सिस बैंक के साथ डील, और बर्नस्टीन की तरफ से मिली 'आउटपरफॉर्म' रेटिंग भी तेजी में मददगार बने हैं। आज यानि 21 फरवरी को भी पेटीएम के शेयर 5 फीसदी अपर सर्किट के साथ 395. 05 पैसे बंद हुए हैं। पिछले पांच दिन में पेटीएम के शेयरों में 19% से ज्यादा की तेजी आ चुकी है। इस सप्ताह की शुरुआत से ही पेटीएम के शेयर में तेजी देखने को मिली है।
पिछले एक महीने में यह शेयर 47 फीसदी टूट चुका है। जहां एक महीना पहले यह शेयर 760 रुपए पर था अब यह 395 रुपए पर है। लेकिन अब तेजी लौटने से निवेशकों को कुछ चैन जरूर मिला है।
अगर आपके पास भी पेटीएम के शेयर हैं तो जानिए आपको अब क्या करना चाहिए। RBI की कार्रवाई के बाद कई ब्रोकरेज फर्मों ने पेटीएम के शेयरों के डाउनग्रेड करके टारगेट भी घटा दिया था। लेकिन हाल ही में ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन ने कहा कि वह पेटीएम के शेयरों पर बुलिश बना हुआ है। ब्रोकरेज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि "अभी भी कम वैल्यूएशन और चार्ट पर ओवरहैंग हटने से हम आगे काफी तेजी देख रहे हैं। बर्नस्टीन ने इसका टारगेट प्राइस 600 रुपए तय करते हुए आउटपरफॉर्म रेटिंग बना रखा है।"