क्रिप्टो एसेट्स के मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

क्रिप्टो से संबंधित मुद्दे G20 देशों के बीच चर्चा के एक प्रमुख बिंदु के रूप में उभरे हैं। इस सेक्टर को रेगुलेट करने की तात्कालिक जरूरत के बारे में सदस्य देशों के बीच सर्व-सहमति है। इस मुद्दे पर विचार-मंथन सत्र में दुनियाभर के तमाम जानेमाने विशेषज्ञों ने भाग लिया। अपनी टिप्पड़ी में वित्त मंत्री सीतारमण ने आगे कहा कि G20 क्रिप्टो करेंसी के रेग्यूलेशन और और इसके लिए रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करने में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और फाइनेंशिल स्टेबिलिटी बोर्ड को योगदान को स्वीकार करता है

अपडेटेड Apr 15, 2023 पर 12:01 PM
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वित्त मंत्री ने कहा कि जी20 के सदस्य देश इस बात पर सहमत हैं कि कोई अकेला देश सिर्फ अपने दम पर क्रिप्टो करेंसी की चुनौतियों से नहीं निपट सकता और इसके लिए एक ग्लोबल सिस्टम और समझ बनाने की जरूरत है

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि क्रिप्टो एसेट्स से संबंधित मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। जी20 समूह को क्रिप्टो एसेट्स पर अपनी किसी प्रतिक्रिया के पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि अर्थव्यवस्था को क्रिप्टो से हो सकते वाले किसी संभावित नुकसान से बचाने की कोशिश में हम इसके किसी संभावित लाभ से वंचित न रह जाएं। वित्तमंत्री सीतारमण ने ये बातें शुक्रवार को आईएमएफ के मुख्यालय में जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के साथ हुए एक विचार-मंथन सत्र में कहीं। यह चर्चा "मैक्रोफाइनेंशियल इम्प्लिकेशन्स ऑफ क्रिप्टो एसेट्स " विषय पर हो रही थी। बता दें कि भारत वर्तमान में G20 देशों की वार्षिक अध्यक्षता कर रहा है।

 क्रिप्टो करेंसी को लेकर एक वैश्विक समझ बनाने की जरूरत

वित्त मंत्री आगे कहा कि जी20 के सदस्य देश इस बात पर सहमत हैं कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर एक वैश्विक समझ बनाने की जरूरत है। इससे ना सिर्फ क्रिप्टो से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी बल्कि इसका रेगुलेशन भी हो सकेगा। जी20 के सदस्य देशों के बीच इस बात को लेकर आम सहमति है कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर तमाम देशों के बीच समन्वित रिस्पॉन्स की एक व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे इससे जुड़े सभी खतरों से निपटने के लिए सामूहिक और समन्वित प्रयास किए जा सकें। उन्होंने ये भी कहा कि उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को क्रिप्टो से संभावित खतरों से से निपटने में सक्षम बनाने की जरूरत है जिस पर जी20 के सदस्य सहमत हैं।


क्रिप्टो से संबंधित मुद्दे G20 देशों के बीच चर्चा के एक प्रमुख बिंदु के रूप में उभरे हैं। इस सेक्टर को रेगुलेट करने की तात्कालिक जरूरत के बारे में सदस्य देशों के बीच सर्व-सहमति है। इस मुद्दे पर विचार-मंथन सत्र में दुनियाभर के तमाम जानेमाने विशेषज्ञों ने भाग लिया।

 क्रिप्टो एसेट्स पर सिंथेसिस पेपर की जरूरत 

अपनी टिप्पड़ी में वित्त मंत्री सीतारमण ने आगे कहा कि G20 क्रिप्टो करेंसी के रेग्यूलेशन और और इसके लिए रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क तैयार करने में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और फाइनेंशिल स्टेबिलिटी बोर्ड (FSB)को योगदान को स्वीकार करता है। उन्होंने आगे कहा कि इस मुद्दे पर एक सिंथेसिस पेपर की जरूरत है जिसमें क्रिप्टो एसेट्स से जुड़े मैक्रो इकोनॉमिक और रेग्यूलेटरी दृष्टिकोण को एकीकृत करेगा।

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 किसी अकेले देश का क्रिप्टो करेंसी की चुनौतियों से निपटना मुश्किल

वित्त मंत्री ने कहा कि जी20 के सदस्य देश इस बात पर सहमत हैं कि कोई अकेला देश सिर्फ अपने दम पर क्रिप्टो करेंसी की चुनौतियों से नहीं निपट सकता और इसके लिए एक ग्लोबल सिस्टम और समझ बनाने की जरूरत है। क्रिप्टो करेंसी पर आईएमएफ के पेपर और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड के पेपर पर चर्चा करके उनका एक निचोड़ तैयार करके अलग पेपर तैयार किया जाएगा। सितंबर और अक्टूबर में होने वाली बैठकों में भी इस पर चर्चा की जाएगी। जिसमें क्रिप्टो करेंसी का नियमन करने का रोडमैप तैयार किया जाएगा।

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First Published: Apr 15, 2023 10:44 AM

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