रिजर्व बैंक (RBI) ने रिडेम्प्शन फंड्स और कमर्शियल पेपर्स (CPs) के बायबैक से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। केंद्रीय बैंक ने 3 जनवरी को कमर्शियल पेपर्स और एक साल तक की मैच्योरिटी वाले नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं।
रिजर्व बैंक (RBI) ने रिडेम्प्शन फंड्स और कमर्शियल पेपर्स (CPs) के बायबैक से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। केंद्रीय बैंक ने 3 जनवरी को कमर्शियल पेपर्स और एक साल तक की मैच्योरिटी वाले नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं।
निर्देशों के मुताबिक, कमर्शियल पेपर जारी करने वाले अब पेपर जारी करने की तारीख के 7 दिनों के बाद ही इसे बायबैक कर सकते हैं। इससे पहले मौजूद गाइडलाइंस के मुताबिक, पेपर जारी करने के 30 दिनों से पहले ऐसा नहीं किया जा सकता था। यह दिशा-निर्देश फिक्स्ड इनकम मनी मार्केट एंड डेरिवेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने 2020 में जारी किया था।
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी मौजूदा निर्देशों में यह भी कहा गया है कि किसी इश्यू में मौजूदा शर्तों के मुताबिक, बायबैक ऑफर सभी निवेशकों पर लागू होगा। निवेशकों के पास बायबैक ऑफर को स्वीकार या खारिज करने का विकल्प होगा।
निर्देशों में कहा गया है, 'कमर्शियल पेपर्स और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स का बायबैक मौजूदा मार्केट प्राइस पर होगा।' रिजर्व बैंक ने कहा है कि बायबैक की तारीख के दिन कमर्शियल पेपर या नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर जारी करने वालों को क्रमशः IPA और डिबेंचर ट्रस्टी को बायबैक की डिटेल्स के बारे में जानकारी देनी होगी।
रिजर्व बैंक के निर्देशों के मुताबिक, CP/NCD के बायबैक के लिए पेमेंट का रूट IPA के जरिये होगा। इसके अलावा, नए निर्देशों में कहा गया है कि कूपन पेमेंट समेत CP/NCD का रीपेमेंट IPA के जरिये होगा। रिजर्व बैंक के बयान में कहा गया है कि ये निर्देश उन सभी व्यक्तियों या एजेंसियों पर लागू होंगे, जो कमर्शियल पेपर और एक साल तक मैच्योरिटी वाले नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर में डील करते हैं। ये निर्देश 1 अप्रैल, 2024 से लागू होंगे।
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