एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (AMFI) की तरफ से 13 अप्रैल को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च महीने में इक्विटी मार्केट में कमजोरी के बावजूद ओपन इंडेड इक्विटी फंड्स में होने वाला निवेश 31 फीसदी की बढ़त के साथ 20534.21 करोड़ रुपये पर रहा है। जो एक साल का हाईएस्ट लेवल है। पिछले महीने यानी फरवरी में इक्विटी फंडों में होने वाला नेट निवेश 15685.57 करोड़ रुपये पर था। इस बीच मार्च महीने में हाइब्रिड फंडों से 12372 करोड़ रुपये की निकासी हुई है। जबकि फरवरी महीने में इनमें 360.30 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
डेट और हाइब्रिड फंडों में भारी बिकवाली
इन आंकड़ों से पता चलता है कि डेट और हाइब्रिड फंडों में भारी बिकवाली के चलते ओपन इंडेड म्यूचुअल फंडों से मार्च महीने में 21693.91 करोड़ रुपये की निकासी हुई है। मार्च महीने में म्यूचुअल फंडों में एसआईपी के जरिए होने वाला निवेश पहली बार 14000 करोड़ रुपये की सीमा को लांघता नजर आया है। मार्च 2023 में SIP का कंट्रीब्यूशन 14276 करोड़ रुपये का रहा है। जबकि फरवरी में SIP के जरिए होने वाला निवेश 13686 करोड़ रुपये पर था। डेट कैटेगरी पर नजर डालें तो फाइनेंशियल बिल में टैक्स नियमों में बदलान के बाद निवेशकों का फोकस लंबी अवधि के फंडों की तरफ हो गया है।
लिक्विड फंडों में सबसे ज्यादा निकासी
इनकम/डेट फोकस्ड कैटेगरी के लिक्विड फंडों में सबसे ज्यादा निकासी हुई है। मार्च में इस तरह के फंडों से 56924.13 करोड़ रुपये की निकासी हुई है। बता दें कि लिक्विड फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर होते हैं जो एक दिन से लेकर 3 महीने तक की छोटी अवधि के लिए पैसे निवेश करते हैं। डेट कैटेगरी में सबसे ज्यादा पैसा कारपोरेट बॉन्ड फंड में आया है। मार्च महीने में यहां 15626.16 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इसी तरह ग्रोथ/ इक्विटी ओरिएंटेड फंडों की सभी 11 कैटेगरीज में मार्च महीने में पॉजिटिव इनफ्लो देखने को मिला है। इस कैटेगरी से संबंधित सेक्टोरल/ थीमेटिक फंड में सबसे ज्यादा 3928.97 करोड़ रुपये का निवेश आया है। इसी तरह डिविडेंट यील्ड फंड में 371575 करोड़ रुपये का निवेश आया है।