रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) ने 28 फरवरी को एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि रिजॉल्यूशन प्लान के तहत उसके मौजूदा इक्विटी शेयर स्टॉक एक्सचेंजों से डीलिस्ट हो सकते हैं। कंपनी ने बताया कि नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) फर्म के लिए अपने रिजॉल्यूशन प्लान में एक्सचेंजों से मौजूदा इक्विटी शेयरों को डीलिस्ट करने पर विचार कर रहा है।
एक्सचेंज फाइलिंग के तहत, 'मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग हासिल करने के लिए इनवेस्टर/अधिग्रहण करने वाले की तरफ से उठाए जाने वाले कदम' कॉलम में कंपनी ने 'लागू नहीं' लिखा है, क्योंकि कंपनी के रिजॉल्यूशन प्लान में मौजूदा इक्विटी शेयरों की डीलिस्टिंग पर विचार करने की बात कही गई है। IHL और/या लागू करने वाली इकाई अपनी नॉमिनी के साथ रिलायंस कैपिटल की एकमात्र नॉमिनी हो जाएगी।
रिजॉल्यूशन प्लान के कंप्लायंस को ध्यान में रखते हुए डीलिस्टिंग की प्रक्रियाएं शुरू की जाएंगी। NCLT ऑर्डर और SEBI (इक्विटी शेयरों की डीलिस्टिंग) रेगुलेशंस, 2021 के मुताबिक, रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) के इक्विटी शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज से डीलिस्ट कर दिया जाएगा। रिलायंस कैपिटल के इक्विटी शेयरहोल्डर्स की लिक्विडेशन वैल्यू जीरो रहना तय है। इसका मतलब यह है कि इन शेयरहोल्डर्स को कोई पेमेंट या ऑफर नहीं मिलेगा। NCLT के ऑर्डर के मुताबिक, रिलायंस कैपिटल का मौजूदा शेयर कैपिटल रद्द कर दिया जाएगा।
फाइलिंग में कहा गया है, 'NCLT के ऑर्डर और सेबी (इक्विटी शेयरों की डीलिस्टिंग) रेगुलेशंस 2021 के मुताबिक, रिलायंस कैपिटल के इक्विटी शेयरों की डीलिस्टिंग हो जाएगी। रिलायंस कैपिटल के इक्विटी शेयरहोल्डर की लिक्विडेशन वैल्यू जीरो है, लिहाजा इक्विटी शेयरहोल्डर्स किसी भी तरह का पेमेंट हासिल करने के हकदार नहीं होंगे और रिलायंस कैपिटल के किसी भी शेयरहोल्डर को कोई ऑफर नहीं दिया जाएगा।'