इस साल 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा का ऑर्डरबुक संभव, क्षमता विस्तार पर काम चालू : मिश्र धातु निगम

मिश्र धातु की कॉनकॉल में मैनेजमेंट ने कहा है कि सरकार ने स्पेस सेक्टर में FDI निवेश आसान किए हैं। स्पेस सेक्टर में FDI निवेश से कंपनी को फायदा होगा। कंपनी के CMD संजय कुमार झा ने मनीकंट्रोल से कहा कि टाटा एयरोस्पेस के साथ भी योगदान कर रहे हैं। HAL के साथ भी योगदान जारी है

अपडेटेड Feb 28, 2024 पर 5:31 PM
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संजय कुमार झा ने बताया कि कंपनी का फोकस घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन को मजबूत बनाने पर बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन में 70-80 करोड़ के एक्सपोर्ट का लक्ष्य है
     
     
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    कॉरपोरेट स्कैन में आज सीएनबीसी-आवाज़ के साथ है मिश्र धातु निगम का मैनेजमेंट। कंपनी की कॉनकॉल में मैनेजमेंट ने भरोसा जताया है की स्पेस सेक्टर में FDI निवेश नियम आसान होने से कंपनी को फायदा होगा। कंपनी कई स्पेस सेक्टर की कंपनियों को कच्चा माल सप्लाई करती है। साथ कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 के लिए भी ग्रोथ गाइडेंस दिया है। कंपनी के ग्रोथ प्लान और ऑर्डर बुक पर बातचीत करते हुए कंपनी के CMD संजय कुमार झा ने बताया कि इस साल 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा का ऑर्डरबुक संभव है। कंपनी की फोकस सप्लाई चेन को मजबूत बनाने पर है।

    संजय कुमार झा ने आगे कहा कि टाटा एयरोस्पेस के साथ भी योगदान कर रहे हैं। HAL के साथ भी योगदान जारी है। कंपनी का फोकस घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन को मजबूत बनाने पर बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन में 70-80 करोड़ के एक्सपोर्ट का लक्ष्य है। कंपनी क्षमता विस्तार पर काम कर रही है। कंपनी के लिए आगे बड़े ग्रोथ की संभावना है। कच्चे माल के दामों में स्थिरता आ रही है। अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन पर निर्भरता बनी रहने के कारण मार्जिन प्रभावित हुआ है।

    स्पेस सेक्टर में FDI निवेश आसान होने से कंपनी को फायदा


    मिश्र धातु की कॉनकॉल में मैनेजमेंट ने कहा है कि सरकार ने स्पेस सेक्टर में FDI निवेश आसान किए हैं। स्पेस सेक्टर में FDI निवेश से कंपनी को फायदा होगा। स्पेस सेक्टर की कंपनियों के कच्चा माल सप्लायर होने से कंपनी को फायदा होगा। वित्त वर्ष 2025 में आय में 20 फीसदी ग्रोथ का लक्ष्य है। वित्त वर्ष 2025 में EBITDA मार्जिन 25 फीसदी रहने का लक्ष्य है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी कुछ नई यूनिट शुरू करेगी। नई यूनिट शुरू करने से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।

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    बता दें कि स्पेस सेक्टर के लिए FDI की शर्तें आसान हुई हैं। सैटेलाइट मैन्युफैक्चरिंग, ऑपरेशन में निवेश के नियम बदले गए हैं। अब 74 फीसदी तक FDI ऑटोमेटिक रूट से हो सकेगा। 74 फीसदी से ज्यादा FDI के लिए सरकार से मंजूरी जरूरी होगी। सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, स्पेस पोर्टस के FDI नियम आसान किए गए हैं। अब 49 फीसदी तक FDI ऑटोमेटिक रूट से कर सकेंगे। 49 फीसदी से ज्यादा FDI के लिए सरकार से जरूरी मंजूरी लेनी होगी। टेलाइट कंपोनेंट, यूजर में 100 फीसदी FDI ऑटोमैटिक रूट से हो सकेगा।

     

    MoneyControl News

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    First Published: Feb 28, 2024 5:31 PM

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