म्यूचुअल फंड्स को SEBI की एडवाइजरी के बाद शेयर बाजार में क्यों तेज हुई प्रॉफिट बुकिंग?

जब ज्यादा निवेशक इन स्कीम में पैसा लगाते हैं, तो कीमतें बढ़ती हैं और ज्यादा से ज्यादा निवेशक इसको लेकर आकर्षित होते हैं। दरअसल, म्यूचुअल फंडों को बाजार में पैसा लगाना होता है। जब वे कोई स्टॉक खरीदते हैं, तो उसकी कीमतें बढ़ती हैं और इसके परिणामस्वरूप स्कीम की नेट एसेट वैल्यू भी बढ़ जाती है। इससे निवेश बढ़ता है और महंगी कीमतों पर भी ज्यादा खरीदारी होती है

अपडेटेड Feb 28, 2024 पर 9:25 PM
Story continues below Advertisement
AMFI ने सुझाव दिया है कि बाकी चीजों के अलावा म्यूचुअल फंड्स को इन स्कीम्स में निवेश कम करने के साथ-साथ पोर्टफोलियो को दुरुस्त करना चाहिए।

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में 28 फरवरी को तेज गिरावट रही। म्यूचुअल फंड संस्था AMFI ने मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के आदेश पर अपने मेंबर यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को एडवाइजरी जारी की है और यह भी गिरावट की एक प्रमुख वजह रही।

AMFI की एडवाइजरी में क्या कहा गया है?

इसमें कहा गया है कि स्मॉल और मिडकैप शेयरों में बुलबुले को देखते हुए सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने सलाह दी है कि निवेशकों को इन स्कीम्स से बचाने के लिए म्यूचुअल फंडों को पॉलिसी तैयार करनी चाहिए।


AMFI ने किन कदमों की सिफारिश की है?

AMFI ने सुझाव दिया है कि बाकी चीजों के अलावा म्यूचुअल फंड्स को इन स्कीम्स में निवेश कम करने के साथ-साथ पोर्टफोलियो को दुरुस्त करना चाहिए।

बाजार को इससे क्यों झटका लगा?

निवेश कम होने का मतलब है कि मिड और स्मॉल स्कीम में नई फंडिंग सीमित हो जाएगी। इन स्कीम्स में फंडों का फ्लो लगातार जारी रहने के कारण शेयरों की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही थी। उदाहरण के लिए 2023 में मिडकैप म्यूचुअल फंड स्कीम्स में 22,913 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया, जबकि स्मॉलकैप स्कीम में 41,035 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। दूसरी तरफ, लार्जकैप स्कीम में 2,968 करोड़ का आउटफ्लो देखने को मिला।

कैसे चलता है सिस्टम?

जब ज्यादा निवेशक इन स्कीम में पैसा लगाते हैं, तो कीमतें बढ़ती हैं और ज्यादा से ज्यादा निवेशक इसको लेकर आकर्षित होते हैं। दरअसल, म्यूचुअल फंडों को बाजार में पैसा लगाना होता है। जब वे कोई स्टॉक खरीदते हैं, तो उसकी कीमतें बढ़ती हैं और इसके परिणामस्वरूप स्कीम की नेट एसेट वैल्यू भी बढ़ जाती है। इससे निवेश बढ़ता है और महंगी कीमतों पर भी ज्यादा खरीदारी होती है।

उल्टी स्थिति में भी यही साइकल काम कर सकता है। जब कीमतों में गिरावट होती है, तो कुछ निवेशक डर की वजह से रिडीम की राह पर आगे बढ़ सकते हैं। जब फंड निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए शेयरों की बिक्री करते हैं, तो स्टॉक की कीमतों में गिरावट होती है और स्कीम की नेट एसेट वैल्यू भी घटती है। ऐसे में मौजूदा निवेशकों द्वारा और बिकवाली देखने को मिल सकती है।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Feb 28, 2024 9:25 PM

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।