टाटा म्यूचुअल फंड (Tata MF) ने बताया कि उसने 1 जुलाई 2023 से टाटा स्मॉल कैप फंड (Tata Small Cap Fund) में लंपसम यानी एकमुश्त पैसा स्वीकार करना और स्विच-इन निवेश दोनों बंद करने का फैसला किया है। हालांकि फंड हाउस ने यह साफ किया कि निवेशक 30 जून तक लंपसम निवेश कर सकेंगे। फंड हाउस ने बताया कि 1 जुलाई से इस स्कीम में अब सिर्फ सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) और सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान्स (STPs) के जरिए ही निवेश स्वीकार किया जाएगा।
सभी मौजूदा SIP और STP जारी रहेंगे और निवेशक नए रजिस्ट्रेशन भी करा सकते हैं। साथ ही स्कीम से पैसे निकालने या स्विच करने पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है।
Tata Small Cap को नवंबर 2018 में लॉन्च किया गया था और यह 4,458 करोड़ रुपये के एसेट्स को मैनेज करता है। इस स्कीम को चन्द्रप्रकाश पडियार एवं सतीश चन्द्र मिश्र मैनेज करते हैं। यह स्मॉल-कैप सेगमेंट में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली स्कीमों में से एक है, जिसने पिछले एक साल में 40.34 प्रतिशत और पिछले 3 साल में 40.25 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
टाटा एसेट मैनेजमेंट के बिजनेस हेड (बैंकिंग, एल्टरनेट प्रोडक्ट और प्रोडक्ट स्ट्रैटजी), आनंद वरदराजन ने बताया, "हमारा स्मॉल-कैप फंड बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और इसने काफी निवेश आकर्षित किया है। हालांकि स्मॉल-कैप स्टॉक्स की प्रकृति इलिक्विड होती है, जिसके कारण फंड को लगाने में समय लगता है। निवेश के लिए सही समय का इंतजार करना पड़ता है। स्टॉक का पीछा करने से कीमत बढ़ सकती है, जिससे निवेश का उद्देश्य ही विफल हो जाएगा। हम चाहते हैं कि हमारे निवेशकों को अच्छा निवेश अनुभव हो।"
इससे पहले एसबीआई स्मॉल कैप फंड (SBI Small Cap Fund) और मिराए एसेट इमर्जिंग ब्लूचिप फंड (Mirae Asset Emerging Bluechip Fund) ने अपने फ्लो को सीमित कर दिया था। हाल ही में, HDFC डिफेंस फंड ने भी SIP और STP के जरिए आने वाले निवेश को 10,000 रुपये प्रति पैन प्रति माह तक सीमित कर दिया है।
स्मॉल-कैप फंडों में लगातार निवेश हो रहा है और ये इक्विटी स्कीमों में निवेश के सबसे पसंदीदा विकल्पों में से एक हैं। यह इस उम्मीद पर आधारित है कि व्यापक आधार वाली रैली से स्मॉल-कैप शेयरों में निवेश को लाभ मिलेगा।