शेयर बाजारों में भारी तेजी के बीच दिसंबर में रिकॉर्ड 40.32 लाख लोगों ने एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIPs) खोलने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। यह नवंबर के मुकाबले 31 फीसदी और पिछले साल के दिसंबर के मुकाबले करीब 73.5 फीसदी अधिक है। मौजूदा वित्त वर्ष 2024 में जुलाई के बाद से लगातार हर महीने SIPs खुलवाने वालों की संख्या 30 लाख से अधिक रही है। इसके चलते वित्त वर्ष 2024 में हुए कुल रजिस्ट्रेशन की संख्या, वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2022 के कुल आंकड़े से अधिक हो गया है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की ओर से जारी आंकडों से यह जानकारी मिली है।
अप्रैल-दिसंबर 2023 अवधि के दौरान अभी तक SIP के लिए 2.85 करोड़ नए रजिस्ट्रेशन हुए हैं। इसने वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 2022 में हुए क्रमश: 2.51 करोड़ और 2.66 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर लिया है।
एनालिस्ट्स का कहना है कि SIP में बढ़ोतरी यह बताता है कि निवेशकों में भारत के आर्थिक ग्रोथ से जुड़े फंडामेंटल्स में भरोसा बढ़ा है और उन्हें इस साल केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। हाल ही में 2 बड़े राज्यों में बीजेपी की जीत ने भी निवेशकों का भरोसा मजबूत किया है और केंद्र के स्तर पर पॉलिसी जारी रहने की उनकी उम्मीद बढ़ी है।
एनालिस्ट्स का मानना है कि अगर नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली NDA सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटती है, तो सरकारी नीतियां भारतीय इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करेंगी। कई ब्रोकरेज ने हाल ही में 2024 के लिए निफ्टी का टारगेट बढ़ाया है।
नोमुरा ने 2024 के अंत तक निफ्टी इंडेक्स के 24,260 पर जाने की संभावना जताई है। वहीं ICICI डायरेक्ट ने सेंसेक्स को 83,000 और निफ्टी को 25,000 पर रहने का अनुमान लगाया है।
SIP बंद कराने वालों की संख्या भी बढ़ी
दूसरी ओर दिसंबर में बंद होने वाली SIP की संख्या भी बढ़ी है। इसमें अवधि पूरा होने के बाद खत्म होने वाले SIP की संख्या भी शामिल होती है। आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2023 में 20.8 लाख निवेशकों ने एसआईपी बंद कराया। FY24 में अब तक, लगभग 1.64 करोड़ निवेशकों ने अपने SIP बंद कराए हैं, जबकि FY23 में यह संख्या 1.43 करोड़ और FY22 में 1.11 करोड़ थी।