बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने कार्यकाल पूरा होने के बाद भी इंडिया ग्रोथ फंड को बंद नहीं करने के चलते तीन एंटिटीज पर ₹3 लाख का जुर्माना लगाया है। यह कोटक एसईएएफ इंडिया फंड (Kotak SEAF India Fund) की एक योजना है। इसे बंद नहीं करने के चलते सेबी ने Kotak SEAF India Fund, इनवेस्टमेंट मैनेजर कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर्स और कोटक महिंद्रा ट्रस्टीशिप सर्विसेज पर जुर्माना लगाया है। सेबी के आदेश के मुताबिक ओरिजिनल पीपीएम (प्राइवेट प्लेसमेंट मेमोरंडम) में इस योजना का जो टेन्योर फिक्स किया है, उसके बाद भी इसे बंद नहीं किया गया और तीन बार इसका टेन्योर बढ़ाया गया।
इस योजना की अवधि पहली बार बंद होने की तिथि 30 मार्च 2005 से नौ वर्ष की अवधि के लिए थी, जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता था। फंड का कार्यकाल 30 मार्च, 2014 को समाप्त होने वाला था। हालांकि इसे चार बार आगे खिसकाया गया जिसमें योजना के PPM के अनुसार 30 मार्च 2015 तक एक वर्ष का पहला विस्तार और फिर 30 मार्च 2022 तक सात साल के 3 विस्तार शामिल थे।
मेच्योरिटी पीरियड आगे खिसकाने का नहीं है नियम
सेबी के मुताबिक फंड ने मई 2022 में एक ऑनलाइन एप्लीकेशन फाइल किया था जिसमें इसने कहा था कि 31 मार्च 2022 को योजना को बंद कर दिया गया है और सभी यूनिटहोल्डर्स को वापस भुगतान कर दिया गया है। सेबी के मुताबिक हालांकि एक रजिस्टर्ड एंटिटी के रूप में फंड, फंड मैनेडर और ट्रस्टी को वेंचर कैपिटल फंड (VCF) से जुड़े नियमों का अनुपालन करना चाहिए था जिसमें ये फेल रहीं। इस वजह से इन पर पेनाल्टी लगाई गई है। इसी को देखते हुए सेबी ने इन पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। नियमों के मुताबिक एक्सटेंशन को मिलाकर एक बार मेच्योरिटी पीरियड फिक्स होने के बाद फंड इसे आगे नहीं खिसका सकते हैं।