बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने म्यूचुअल फंड होल्डर्स को नॉमिनी जोड़ने के लिए अब एक्स्ट्रा समय देने का फैसला किया है। सेबी ने इसकी डेडलाइन को बढ़ाकर 1 जनवरी कर दिया है यानी नए साल के पहले दिन तक यह काम पूरा कर सकेंगे। पहले यह डेडलाइन 30 सितंबर थी। सेबी ने बुधवार को म्यूचुअल फंड होल्डर्स को नॉमिनी बनानी या एक डिक्लेरेशन फॉर्म सबमिट कर इससे बाहर निकलने के लिए 1 जनवरी तक का समय दिया है। अगर यह डेडलाइन भी मिस कर देते हैं तो फोलियो फ्रीज हो सकता है।
सेबी ने 15 जून 2022 के अपने सर्कुलर में म्यूचुअल फंड सब्सक्राइबर्स को 1 अगस्त 2022 या इससे पहले तक नॉमिनी की डिटेल्स देने या नॉमिनेशन से बाहर आने के डिक्लेरेशन का काम पूरा करना होगा। इसे कई बार आगे बढ़ाया जा चुका है। हालांकि ट्रेडिग अकाउंट में 'च्वाइस ऑफ नॉमिनेशन' दाखिल करने को अनिवार्य नहीं किया गया है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस को लेकर ही ट्रेडिंग अकाउंट के लिए ऐसा किया गया है।
AMCs और RTAs को सौंपा यह काम
सेबी की तरफ से जारी सर्कुलर के मुताबिक मार्केट पार्टिसिपेंट्स से जो सिफारिशें मिली, उसके आधार पर फैसला किया गया कि फोलियो को फ्रीज करने का प्रावधान 30 सितंबर, 2023 के बजाय 1 जनवरी, 2024 से लागू होगा। इसके अलावा सेबी ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) और रजिस्ट्रार एंड ट्रांसफर एजेंट्स (RTAs) को कहा है कि वे ईमेल और एसएमएस के जरिए सभी यूनिट होल्डर्स को इस काम को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करें जिन्होंने अभी तक इसे किया नहीं है।
SEBI क्यों दे रहा इस काम पर जोर
सेबी के इस कदम का उद्देश्य निवेशकों के हितों की सुरक्षा और इसे उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को सौंपने में मदद करना है। मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक कई म्यूचुअल फंड फोलियो पहले बिना नॉमिनी के खोले गए थे तो उनकी अनुपस्थिति में उत्तराधिकारियों को इसे हासिल करने में बहुत तकलीफें उठानी पड़ीं क्योंकि ऐसी स्थिति में बहुत प्रकार की कागजी कार्रवाई पूरी करनी होती हैं। अब सेबी ने इसे करने के लिए तीन महीने का समय और दे दिया है।