Mutual Fund : निवेशक म्यूचअल फंड में निवेश को लेकर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को तरजीह दे रहे हैं। अगस्त महीने में SIP के माध्यम से रिकॉर्ड 15813 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त में इनकम या डेट ओरिएंटेड स्कीम से शुद्ध रूप से 25,872 करोड़ रुपये निकाले गये।
AMFI के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एन. एस. वेंकटेश ने कहा कि अतिरिक्त नकदी खत्म करने के लिए रिजर्व बैंक के इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) उपाय ने बॉन्ड के मामले में उद्योग के प्रदर्शन को ‘आंशिक रूप से प्रभावित’ किया। इसका कारण ऐसी स्कीम को बैंकों द्वारा ट्रेजरी मैनेजमेंट के नजरिए से भी देखा जाता है। इससे पहले जुलाई में एसआईपी के माध्यम से रिकॉर्ड 15,244 करोड़ रुपये का निवेश रहा था।
वेंकटेश ने कहा कि अगस्त के अंत में एसआईपी के लिए कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 8.47 लाख करोड़ रुपये रहा। इस महीने रिकॉर्ड 35 लाख नई एसआईपी शुरू हुईं। उन्होंने कहा कि एसआईपी में रिकॉर्ड निवेश से पता चलता है कि खुदरा निवेशक बाजार में लगातार निवेश कर रहे हैं। उन्होंने मजबूत आर्थिक वृद्धि जैसे कारकों से आगे भी ऐसा ही रुझान रहने की उम्मीद जताई।
इक्विटी और हाइब्रिड स्कीम में कुल एयूएम 24.38 लाख करोड़ रुपये
अगस्त के अंत तक इक्विटी और हाइब्रिड स्कीम (इक्विटी और बॉन्ड दोनों में निवेश से जुड़ी योजना) पर खुदरा निवेशकों का कुल एयूएम 12.30 करोड़ पोर्टफोलियो में 24.38 लाख करोड़ रुपये था। वेंकटेश ने कहा कि अगस्त में रिकॉर्ड 19.58 लाख एसआईपी बंद हो गए या उनकी अवधि पूरी हो गई। जुलाई में यह संख्या 17 लाख से अधिक थी।
म्यूचुअल फंड उद्योग का कुल एयूएम अगस्त में बढ़कर 46.93 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो जुलाई में 46.37 लाख करोड़ रुपये था। एसआईपी में लोग नियमित अंतराल यानी मासिक आधार पर 500 रुपये की शुरुआती राशि से निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड उद्योग काफी हद तक एसआईपी के जरिये होने वाले निवेश पर निर्भर है। इस उद्योग में 43 कंपनियां हैं।